जयपुर:राजस्थान में बिजली संकट खड़ा हो गया है। मानसून की बेरुखी के बीच 6 अलग-अलग उत्पादन यूनिट से 2280 मेगावाट का बिजली उत्पादन ठप हो गया है। इससे बिजली उत्पादन और डिमांड में करीब 1500 मेगावाट से ज्यादा का अंतर आ गया है। 10 दिन में 500 लाख यूनिट की डिमांड बढ़ चुकी है। ऐसे हालात के बीच गांवों औऱ कस्बों में बिजली कटौती शुरू हो गई है। गांवों के अलावा शहरों में भी एक से डेढ़ घंटे तक कटौती की जाएगी। कटौती का समय सुबह साढ़े 6 से साढ़े 8 बजे के बीच करने पर मंथन चल रहा है।
औसत खपत 3270 लाख यूनिट प्रतिदिन से अधिक
राजस्थान में प्रतिदिन विद्युत की औसत खपत 3270 लाख यूनिट प्रतिदिन से अधिक हो गई है। विद्युत की अधिकतम मांग 16000 मेगावाट तक पहुंच गई है। राजस्थान में इन दिनों मानसून पर ब्रेक है। धूप में कुछ तेजी भी हुई है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान पिछले एक सप्ताह से 30 से 35 डिग्री के आस-पास ही बना हुआ है। हर दिन 4-5 स्थानों पर ही अधिकतम तापमान 35 डिग्री को क्रोस कर गया है। आसमान में आंशिक बादल छाए हुए है।
बिजली संकट के कारण
दक्षिण राज्यों में स्थित मुख्य तापीय संयंत्र कूडगी, कोस्टल एनर्जीन और बेल्लारी में कुछ इकाइयां बंद है। पवन ऊर्जा के उत्पादन में भी लगभग 38 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा मौसम के हिसाम से डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। राजस्थान में 2280 मेगावाट की 6 इकाईयों से बिजली उत्पादन ठप है। एक्सचेंज से बिजली कम मिल रही है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव और तीनों डिस्कॉम के अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने कहा कि प्रदेश में बिजली की रोजाना औसत खपत 3000 लाख यूनिट से ज्यादा की हो गई है। बिजली की डिमांड करीब 16000 मेगावाट तक पहुंच गई है। राष्ट्रीय स्तर पर 205977 मेगावाट तक डिमांड दर्ज हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर भी बिजली की कमी है। इसलिए एनर्जी एक्सचेंज पर राज्यों की निर्भरता बढ़ गई है। मानसून में कमी की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है। कुछ यूनिट बंद होने और विंड एनर्जी के प्रोडक्शन में कमी की वजह से 14 अगस्त से शहरों, जिला मुख्यालयों पर बिजली कटौती हो सकती है।
2280 मेगावाट उत्पादन ठप
प्रदेश में अलग-अलग पावर प्लांट्स की छह यूनिट बंद होने से भी संकट गहरा गया है। छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 910 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट सालाना मेंटेनेंस के कारण बंद है। कोटा थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट की एक यूनिट, सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 910 मेगावाट की दो यूनिट और छबड़ा पावर प्लांट की 250 मेगावाट की एक यूनिट अचानक तकनीकी खराबी आने के कारण बंद हो गई है।