नई दिल्ली:कभी मोदी सरकार की प्रखर आलोचक रहीं जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद अचानक तारीफ में कसदी पढ़ने लगी। शेहला का कहना है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में कश्मीर के हालात सुधरे हैं और लोगों की जिंदगियां बच रही हैं। शेहला ने हिजबुल आतंकवादी के भाई रईस मट्टू का एक वीडियो शेयर करते हुए ये बातें कहीं। रईस मट्टू ने स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर के सोपोर में अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। मट्टू ने दावा किया था कि उन्होंने बिना किसी के दबाव के तिरंगा लहराया है।
रईस मट्टू का वीडियो शेयर करते हुए शेहला रशीद शोरा ने लिखा, “इसे स्वीकार करना भले ही असुविधाजनक लग रहा हो, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार और एलजी प्रशासन के तहत कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है। मेरा मानना है कि सरकार के स्पष्ट रुख ने कुल मिलाकर जीवन बचाने में मदद की है। यह मेरा दृष्टिकोण है।”
#WATCH | Rayees Mattoo says, "I waved the Tiranga from my heart. There was no pressure from anyone…Saare jahaan se achha Hindustan hamara, hum bulbule hain iske ye gulistan hamara. There is development. For the first time I am sitting at my shop on 14th August, it used to be… https://t.co/rWOfMLbTOg pic.twitter.com/hF1yx0P4vI
— ANI (@ANI) August 14, 2023
अपने एक अन्य ट्वीट में शेहला ने पीएम मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, भारत वास्तव में ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस तथ्य को देखते हुए कि भारत ऐतिहासिक रूप से प्रदूषण फैलाने वालों में नहीं रहा है, इस लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सक्रिय दृष्टिकोण सराहनीय है।”
As the PM mentioned in his speech, India is indeed playing a pioneering role in energy transition. Given the fact that India is not a historic polluter, PM @narendramodi's proactive approach is appreciable. #OneWorldOneFuture 🇮🇳🌏 #HappyIndependenceDay https://t.co/nF5Lx6BBmI
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) August 15, 2023
ये पहला मौका नहीं है जब शेहला रशीद मोदी सरकार के प्रति अपना रुख बदलती नजर आईं। दरअसल कार्यकर्ता शेहला राशीद शोरा ने केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन जब मामले की सुनवाई की बारी आई तो शेहला ने अपना नाम वापस ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की सूची से कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा और नौकरशाह शाह फैसल के नाम हटाने की अनुमति दे दी थी। राशीद और फैसल उन 23 याचिकाकर्ताओं में से थे, जिन्होंने केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को चुनौती देते हुए 2022 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
कभी मोदी सरकार पर हमला बोलती थीं शेहला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्रा शेहला रशीद ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर पीएम को पत्र लिखने वाली कुछ जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ एफआईआर के बाद अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था। राशीद ने कहा था कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कहता हो कि प्रधानमंत्री का सम्मान करना आवश्यक है। उन्होंने लिखा, “संविधान का कोई अनुच्छेद, आईपीसी में कोई खंड, कोई राज्य कानून या संसद का कोई अधिनियम नहीं है जिसके लिए भारत के नागरिक को प्रधानमंत्री का सम्मान करने की आवश्यकता हो!”
इससे पहले 2018 में भी शेहला ने अपने एक बयान से हंगामा खड़ा कर दिया था। शेहला रशीद ने एक ट्वीट में कहा था कि ऐसा लगता है जैसे आरएसएस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बना रहे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “ऐसा लगता है कि आरएसएस/गडकरी मोदी की हत्या करने की योजना बना रहे हैं, और फिर इसका दोष मुसलमानों/कम्युनिस्टों पर मढ़ देंगे और फिर मुसलमानों को मार डालेंगे #राजीवगांधी स्टाइल में।”