नई दिल्ली:कर्ज के जाल में फंसे अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में लाख कोशिशों के बावजूद अनिल अंबानी अपनी दिवालिया कंपनी रिलायंस नवल एंड इंजीनियरिंग को बचा नहीं पाए तो अब उन्हें पीरामल ग्रुप से नई टेंशन मिल गई है।
क्या है मामला: दरअसल, पीरामल ग्रुप की कंपनी पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस (पीसीएचएफएल) ने अनिल अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडरी रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक एनसीएलटी के मुंबई पीठ में दिवालिया कार्यवाही के लिए आवेदन किया गया है। पीरामल कैपिटल ने 526 करोड़ रुपये के कर्ज में चूक के बाद ये फैसला लिया है।
आपको बता दें कि रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज का 2010 में रिलायंस पावर में विलय हो गया था। इस कंपनी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) से लोन लिया था। अरबपति अजय पीरामल द्वारा नियंत्रित पीरामल समूह ने 2021 में कुल 34,250 करोड़ रुपये में डीएचएफएल का अधिग्रहण किया था और फिर इसे पीसीएचएफएल के साथ मिला दिया गया। अब कर्ज वसूली का काम पीसीएचएफएल कर रही है।
रिलायंस पावर की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी के पास करीब 6,000 मेगावाट की परिचालन बिजली उत्पादन संपत्ति है, जिसमें मध्य प्रदेश में 3,960 मेगावाट की सासन अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना शामिल है।
कई कंपनियां बिक्री प्रक्रिया में: आपको बता दें कि अनिल अंबानी समूह की कई कंपनियां दिवाला प्रक्रिया में हैं। इनमें रिलायंस इंफ्राटेल (रिलायंस कम्युनिकेशंस की टावर शाखा), रिलायंस टेलीकॉम, रिलायंस नवल और रिलायंस कैपिटल शामिल हैं।
पीरामल का अंबानी परिवार से कनेक्शन: ये भी दिलचस्प है कि पीरामल ग्रुप के मुखिया अजय पीरामल और मुकेश अंबानी संबंधी हैं। दरअसल, मुकेश अंबानी की बेटी ईशा की शादी अजय पीरामल के बेटे आनंद से हुई है। इस लिहाज से अजय पीरामल, ईशा अंबानी के ससुर हुए।