नई दिल्ली:चीन ने देश में सरकार समर्थित कंपनियों और एजेंसियों को दो साल के भीतर विदेशी ब्रांड के कंप्यूटरों को चीनी कंप्यूटरों से बदलने का आदेश दिया है। जिनपिंग सरकार का यह कदम पश्चिमी तकनीक पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में चीन के सबसे आक्रामक प्रयासों में से एक है।
बदले जाएंगे करीब पांच करोड़ कंप्यूटर्स
ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कर्मचारियों को विदेशी निर्मित कंप्यूटरों को स्थानीय रूप से उपलब्ध विकल्पों के साथ बदलने के लिए कहा गया है। चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए ये कंप्यूटर स्थानीय रूप से विकसित सॉफ्टवेयर पर चलेंगे। इस कवायद के पूरे होने पर सिर्फ केंद्र सरकार के स्तर पर करीब पांच करोड़ कंप्यूटरों को बदला जाएगा।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिनपिंग सरकार का यह कदम पश्चिमी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता को कम करने की एक कोशिश है। चीन नहीं चाहता है कि वह अपने सरकारी विभाग में पश्चिमी देशों में बने कंप्यूटर को और जगह दे। चीन का यह कदम सिर्फ कंप्यूटर्स तक ही नहीं सीमित रहने वाला है। इसमें मोबाइल, सेमीकंडक्टर्स के साथ कई और चीजें शामिल हो सकती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन सरकार के इस कदम से डेल और एचपी जैसे कंपनियों पर असर पड़ने की आशंका है क्योंकि इन कंपनियों की चीनी बाजार में बड़ी उपस्थिति है।