जयपुर:अजमेर की हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने सोशल मीडिया को लेकर अहम सलाह दी है। उन्होंने रविवार को कहाकि आज सोशल मीडिया हिंसा करने वालों के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने कहाकि इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फर्जी खबर और गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा रहा है, जिससे हिंसा बढ़ गई है।
देश और अमन के दुश्मन
दरगाह दीवान ने एक बयान में कहा कि आज सोशल मीडिया हिंसा करने वालों के लिए वरदान साबित हुआ है। इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फेक न्यूज और गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि सोशल मीडिया पर गलत सूचना व फर्जी जानकारी देकर लोगों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। मैं लोगों से और खासतौर पर नौजवानों से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो को आंख मूंदकर फॉलो और शेयर न करें। खां ने कहा कि किसी भी सनसनीखेज सामग्री को साझा ना करें, क्योंकि कट्टरपंथी देश के और अमन के दुश्मन हैं। वो किसी भी झूठी और भ्रामक जानकारी को फैला सकते हैं जो जंगल की आग की तरह फैल सकती है।
देशवासियों से अपील
उन्होंने कहाकि इस्लाम हिंसा की निंदा करता है और अहिंसा, सहिष्णुता और सद्भाव और एक दूसरे के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहाकि इस्लाम विशेष रूप से कहता है कि अल्लाह हमलावरों से नफरत करता है, इसलिए ऐसा मत बनो। उन्होंने ककहा कि विभिन्न संगठनों द्वारा अपने स्वयं के लक्ष्यों, कारणों या विचारधाराओं को आगे बढ़ाने के लिए आतंकवाद को अपनाया गया है और ऐसे संगठन इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। मैं देशवासियों से और ख़ासकर प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि इस प्रकार के मामलों में धैर्य और शांति से काम लें और मिलजुल कर रहें। देश और शांति के दुश्मनों को उनके नापाक मंसूबों में कामयाब न होने दें।