नई दिल्ली:अगर बाकी पेरेंट्स की तरह आपकी भी अपने बच्चे से यह शिकायत बनी रहती है कि उसके भीतर अनुशासन की बहुत कमी है, वो अपना कोई काम समय पर नहीं करता, कोई चीज उसकी सही जगह पर नहीं रखता और न ही बड़ों की कोई बात सुनता और मानना चाहता है। तो ये खबर खास आप जैसे लोगों के लिए ही है। पहली बात तो यह समझ लें कि आप अकेले ऐसे पेरेंट्स नहीं हैं, जिन्हें अपने बच्चों से यह शिकायत हो। आजकल ज्यादातर माता-पिता की अपने बच्चों से यही सब शिकायतें रहती हैं। जिन्हें दूर करने के लिए पेरेंट्स कई बार बच्चों पर चिल्लाने, डांटने या फिर उन्हें पीटने लगते हैं। नतीजतन, बच्चे अनुशासन तो नहीं सीखते लेकिन जिद्दी जरूर बन जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं वो आसान असरदार पेरेंटिग टिप्स, जिन्हें फॉलो करने पर बच्चों के साथ बिना बुरा बर्ताव किए भी आप उन्हें डिसिप्लिन बना सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
बुरा बर्ताव किए बिना बच्चों को सिखाएं डिसिप्लिन-
बच्चों से उनके व्यवहार के बारे में बात करें-
बच्चों को सुधारने के लिए उनपर चिल्लाने की जगह उनसे बात करने की कोशिश करें। उन्हें बताएं कि वो दूसरों के साथ कैसे व्यवहार कर रहे हैं। बच्चों से पूछें कि उन्हें अपना व्यवहार खुद कैसा लगता है और वो इसे क्यों नहीं बदलना चाहते हैं। बच्चे के साथ की गई आपकी ये बातचीत उनके कोमल मन और भावनाओं को बदलने के लिए प्रेरित करेगी।
सजा देने की जगह सिखाने की कोशिश करें-
बच्चों को डिसिप्लिन सिखाते समय उन्हें सजा देने से ज्यादा उन्हें सिखाने पर अपना फोकस बनाए रखें। बच्चों के लिए नियमों को बनाने और लागू करने के बजाय नियमों और परिणामों के पीछे के कारणों को स्पष्ट करें। इस तरह, बच्चे नियमों का पालन करना सीखते हैं।
कुछ अच्छा करने पर इनाम जरूर दें-
बच्चे हों या बड़े, अच्छे काम के लिए प्रशंसा, हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है। अगर आप कोई अच्छा काम करने पर अपने बच्चे की प्रशंसा करते हैं या उसे पुरस्कृत करते हैं तो बच्चे भी आपकी बातों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। प्रशंसा उन्हें स्वीकार्य और अस्वीकार्य व्यवहार के बीच अंतर सिखाते हुए उनके आत्म-मूल्य की भावनाओं को बढ़ाती है।
अपने उदाहरण से समझाएं-
हर घर के कुछ अलग नियम और कानून होते हैं। जिसकी मदद से बच्चों में एक जागरूकता आती है। लेकिन बच्चे अक्सर वही काम करते हैं, जो वो अपने बड़ों को बोलते हुए नहीं बल्कि करते हुए देखते हैं। इसलिए, वयस्कों के लिए यह हमेशा महत्वपूर्ण होता है कि वे बच्चों के सामने ठीक वैसा व्यवहार करें जो वे चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हें देखकर बाद में फॉलो करें। वरना आपके बच्चे को आपकी कथनी और करनी के बीच अंतर अनुभव होने लगेगा।
उनकी बातों को ध्यान से सुनें-
सभी पेरेंट्स अपने बच्चे को परफेक्ट बनता हुआ देखना चाहते हैं। इसके लिए वो समय-समय पर उसे कई सारी बातें समझाते भी रहते हैं। जो कि आजकल के पेरेंट्स के बीच बहुत आम बात हैं लेकिन बहुत जरूरी है कि आप उनके हिस्से का उन्हें बोलने दें। आपका बच्चा आपकी सीख या नियमों के बारे में क्या सोचता है। यह भी जानने की कोशिश करें। उनके मन में किसी भी चीज को लेकर क्या विचार आते हैं। यह भी पता लगाने की कोशिश करें।