अक्टूबर-नवंबर से मौसम करवट लेना शुरू कर देता है। मौसम में हल्की ठंड का एहसास होने लगता है, जहां सर्दियों का मौसम खानपान के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है वहीं दूसरी ओर ये मौसम अपने साथ कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। सर्दियों में जहां पुरानी चोट का दर्द उभरने लगता है, तो इसके साथ ही माइग्रेन पेशेंट्स की भी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जाती है माइग्रेन और खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं इससे बचने के उपाय।
धूप की कमी से बढ़ा सकती है माइग्रेन की समस्या
ठंड हवा की वजह से सिर में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे सिर दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा धूप न मिलने से भी माइग्रेन बढ़ सकता है। धूप की कमी की वजह से मस्तिष्क में सेरोटोनिन केमिकल असंतुलित हो सकता है। जिससे माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा धूप की कमी शरीर के सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करती है, जिसकी वजह से सोने-जागने के पैटर्न बिगड़ जाता है और नींद पूरी न होने से माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।
माइग्रेन से बचने के उपाय
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लाइफस्टाइल में कई बदलाव की वजह से सिरदर्द की समस्या को काफी हद तक काबू में रखा जा सकता है।
– बेशक ठंड के मौसम में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी की कमी से डीहाइड्रेशन होता है, जो सिरदर्द की वजह बन सकता है। साथ ही ज़्यादा कॉफी, चाय, शराब या फिर तंबाकू का सेवन भी अवॉयड करें।
– नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। इससे सेरोटोनिन हॉर्मोन का लेवल बढ़ता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है।
– ठंड के मौसम में सिर को अच्छे से कवर करके रखें। इससे भी माइग्रेन के दर्द से बचा जा सकता है।
– अच्छी नींद से भी माइग्रेन का दर्द कम किया जा सकता है। अगर आपको नींद नहीं आती, तो इसके लिए लाइट म्यूजिक सुनें, किताबें पढ़ें या फिर थोड़ी देर मेडिटेशन करने से भी फायदा मिलता है।
लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।