नई दिल्ली:रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। यूक्रेन जहां अन्य देशों की मदद से पुतिन की सेना को टक्कर देने की कोशिश कर रहा है वहीं रूस परमाणु हमले की धमकी दे रहा है। इस धमकी के बाद से अमेरिका ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कई मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिकी प्रशासन की एक ‘टाइगर टीम’ का जिक्र हो रहा है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि यह टीम यूक्रेन में अमेरिका की कोर टीम साबित होगी।
दरअसल, ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी एक ऑनलाइन रिपोर्ट में बताया है कि व्हाइट हाउस की तरफ से इसे ‘द टाइगर टीम’ का नाम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस टीम को यह फैसला करना है कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों का उपयोग करने का फैसला करते हैं, तो अमेरिका को कैसे प्रतिक्रिया देनी होगी। साथ ही उसकी अगली रणनीति क्या होगी।
जानकारी के मुताबिक इस टाइगर टीम का गठन 28 फरवरी को ही कर दिया गया था। जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसके चार दिन बाद ही टाइगर टीम अस्तित्व में आई थी। हालांकि इस टीम चर्चा दुनियाभर में अब जाकर हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन इस टीम के मुख्य सदस्य हैं। इस टीम के सदस्य लगातार सप्ताह में तीन बार बैठक कर रहे हैं। ये सभी रूस-यूक्रेन संकट को लेकर बाइडन को रिपोर्ट करते हैं।
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह एक बेहद संवेदनशील लेकिन खतरनाक टीम है जो रूस पर लगातार नजर रख रही है। टीम इस बात पर भी नजर रख रही है कि क्या रूस मोल्दोवा और जॉर्जिया सहित पड़ोसी देशों में भी युद्ध का विस्तार कर सकता है। जिस तरह से पुतिन बार-बार परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं, टाइगर टीम की इस पर पैनी नजर है।
उधर एक महीने के बावजूद भी रूस का यूक्रेन पर लगातार आक्रमण जारी है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकल पाया है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बार फिर से गुरुवार को दुनिया भर के नागरिकों से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के विरोध में सड़कों पर उतरने का आग्रह किया है।