जम्मू-कश्मीर में गाजा जैसे हालात हो सकते हैं, उनके बयान पर जब दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”जब बम चलेंगे तो कहां गिरेंगे, हवा में तो नहीं जाएंगे न? यदि भारत और पाकिस्तान बातचीत के लिए एकसाथ नहीं आते हैं, तो ऐसा हो सकता है। एक तरफ पाकिस्तान है और दूसरी तरफ चीन है। यदि युद्ध छिड़ जाता है, तो कश्मीर के लोग प्रभावित होंगे। अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं। अगर हम पड़ोसी के साथ दोस्ती करेंगे तो दोनों तरक्की करेंगे और ऐसा नहीं हुआ तो मुसीबतों का एक माहौल खड़ा होगा।”
अब्दुल्ला ने कहा,”मौजूदा प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि आज लड़ाई का वक्त नहीं है, बातचीत का वक्त है। अल्लाह करे कि वो बातचीत का वक्त शुरू हो जाए और हम उस मुसीबत से बच जाएं।” बता दें कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और इसको लेकर सेना की कार्रवाई पर एक दिन पहले ही फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बातचीत से ही समस्या का समाधान हो सकता है, नहीं तो हमारा भी हाल गाजा और फिलीस्तीन वाला होगा।