पटना:राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद एक बार फिर मुश्किलों में घिर गए हैं। सीबीआई ने उन पर रेल मंत्री रहते नौकरी देने के एवज में जमीन लिखवाने की एफआईआर दर्ज करने के बाद शुक्रवार को बिहार-दिल्ली समेत 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। दिल्ली में मीसा भारती के घर के अलावा पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास को भी देर शाम तक खंगाला गया। तब लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी वहीं मौजूद थे।
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने पटना के महुआबाग और गोपालगंज के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की। राबड़ी के आवास से छापेमार कर बाहर आते समय सीबीआई टीम को राजद कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा। खुद तेज प्रताप यादव ने बाहर निकलकर कार्यकर्ताओं को शांत कराया।
इन ठिकानों पर पड़ा छापा
सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को अलसुबह छापेमारी शुरू कर दी। पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर सबसे देर तक छापेमारी चली। सुबह 5.55 बजे के करीब सीबीआई की टीम वहां पहुंच गई थी। इसके कुछ देर बाद उन्हें अंदर प्रवेश मिला। कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए तलाशी शुरू की गई। देर शाम तक यह जारी रही।
यहां सीबीआई की 12 अधिकारियों की टीम तीन गाड़ियों से पहुंची थी। पटना के ही महुआबाग के छोटकी मुसहरी मोड़ के पास नौकरी पाने वाले अभियुक्तों के घरों के अलावा गोपालगंज के मीरगंज स्थित इटवा में ह्दयानंद चौधरी के घर की तलाशी ली गई।
इन्हें किया गया नामजद
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के अलावा उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव को नामजद किया गया है। इन चार के अलावा नौकरी पाने वाले राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेन्द्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेम चंद कुमार, लाल चंद कुमार (सभी महुआ बाग, धनौत, पटना), ह्दयानंद चौधरी (इटवा, मीरगंज, गोपालगंज) और अभिषेक कुमार (बिंडौल, बिहटा) के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यानी कुल 16 के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला
आरोप के मुताबिक लालू प्रसाद वर्ष 2004-2009 तक जब रेल मंत्री थे तो बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ वर्गीय पद पर नौकरी दी गई। नौकरी देने के एवज में उनके या उनके परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई। ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई। जमीन का कुल रकवा 1,05,292 वर्गफुट है। वर्तमान में सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है। आरोप है कि जमीन के बदले रेलवे के अलग-अलग जोन में इनकी नियुक्ति की गई। अधिकतर जमीनों की खरीद भी कैश में दिखाई गई है।
रेलवे टेंडर घोटाले में भी अभियुक्त हैं लालू
चारा घोटाले से इतर रेलवे से जुड़ा है यह दूसरा मामला है जिसमें सीबीआई ने लालू प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले आईआरसीटीसी के रांची व पुरी स्थित होटलों को लीज पर देने में हुई अनियमितता को लेकर जुलाई 2017 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तब 7 जुलाई 2017 को राबड़ी देवी के इसी सरकारी आवास समेत अन्य ठिकानों पर छापे पड़े थे।