नई दिल्ली। दशकों तक कांग्रेसी रहे और अब अपनी ही डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी चलाने वाले गुलाम नबी आजाद ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला रात के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि वे मीडिया और जनता की नजर से बच सकें। उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता रात को पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला पिता-पुत्र श्रीनगर में कुछ कहते हैं और जम्मू में कुछ और। दिल्ली जाते हैं तो एकदम अलग भाषा होती है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने जब पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी तो उस वक्त नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी साथ जाने की कोशिश की थी। डबल गेम खेलने का आरोप लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टुडे से कहा कि पीडीपी और एनसी दोनों ने ही भाजपा संग सरकार में जाने की कोशिश की थी। गुलाम नबी आजाद ने एक और दावा किया और कहा कि आर्टिकल 370 हटाने से पहले अब्दुल्ला पिता-पुत्र को फैसले की जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि 3 अगस्त, 2019 को एक मीटिंग पीएम मोदी और अब्दुल्ला के बीच हुई थी।
आजाद ने कहा कि तब यह चर्चाएं थीं कि पीएम मोदी की ओर से अब्दुल्ला पिता-पुत्र को भरोसे में लिया गया है। इसके अलावा इन दोनों नेताओं ने ही पीएम नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया था कि वह घाटी में नेताओ को नजरबंद करा दें। बता दें कि पिछले दिनों ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया था कि अब्दुल्ला चाहते थे कि भाजपा के साथ सरकार बना ली जाए। लेकिन भाजपा ने ही ऑफर खारिज कर दिया था। आजाद ने कहा, ‘मुझे पता है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का बहुत मन था कि भाजपा के साथ कश्मीर में सरकार बना ली जाए। इस पर मैंने सदन में ही पीएम मोदी को बताया था कि वह किसी भी तरह का राजनीतिक प्रयोग न करें।’
‘मैं अब्दुल्ला की तरह फ्रॉड नहीं, मंदिर जाकर हिंदुओं को मूर्ख नहीं बनाता’
खुद को सबसे बड़ा सेकुलर नेता बताते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं अब्दुल्लाओं की तरह फ्रॉड नहीं हूं। मैं हिंदू भाइयों को मूर्ख बनाने के लिए मंदिर नहीं जाता। इसके अलावा कट्टरपंथी मुसलमानों को खुश करने के लिए मैं अपने ही देश को गालियां नहीं देता। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही अब्दुल्लाओं को भाजपा संग सरकार न बनने पर निराशा हुई थी, लेकिन महबूबा मुफ्ती भी बाद में खुश नहीं थीं। उनको लगता था कि भाजपा के साथ सरकार बनाकर उन्होंने गलती की है।