नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आदर्श आचार संहिता कभी भी जारी हो सकती है। इस बीच तमाम दलों द्वारा लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया जा रहा है। रविवार को तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया। टीएमसी ने सभी सीटों पर कैंडिडेट उतारकर इंडिया गठबंधन को करारा झटका दिया है। हालांकि ममता बनर्जी पहले ही स्पष्ट कर चुकीं थी कि राज्य में वो किसी भी दल के साथ गठबंधन शेयर नहीं करेंगी। बंगाल में दो पूर्व क्रिकेटर और चार फिल्मी सितारों के अलावा कई हाई प्रोफाइल उम्मीदवार हैं। बीजेपी की तरफ से भी नई नामी चेहरों को टिकट दिया गया है। ऐसे में चुनाव में जमकर प्रचार की उम्मीद है। विमानन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारी के बीच विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की मांग में पिछले आम चुनाव के मुकाबले 40 फीसदी तक बढ़ोतरी होने की संभावना है।
‘क्लब वन एयर’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजन मेहरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निजी विमानों की मांग तेजी से बढ़ेगी और यह मांग विशेष विमानों और हेलीकॉप्टरों की उपलब्धता से अधिक होने की उम्मीद है। विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की आपूर्ति सीमित संख्या में होती है।’’
किराया 5 लाख रुपए प्रति घंटे
विशेष विमान और हेलीकॉप्टर सेवा का शुल्क प्रति घंटे के आधार पर लिया जाता है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों की राय है कि विशेष विमान का शुल्क साढ़े चार लाख रुपये से 5.25 लाख रुपये प्रति घंटे के बीच हो सकता है। एक हेलीकॉप्टर के लिए प्रति घंटे का शुल्क करीब डेढ़ लाख रुपये होगा। बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (बीएओए) के प्रबंध निदेशक कैप्टन आर के बाली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान निजी विशेष विमानों और हेलीकॉप्टर की मांग पिछले चुनाव की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि दिसंबर 2023 के अंत में 112 गैर-अनुसूचित संचालक (एनएसओपी) थे। आम तौर पर एनएसओपी ऐसी इकाइयां होती हैं जिनका कोई विशेष निर्धारित कार्यक्रम नहीं होता है और उनके विमान आवश्यकता पड़ने पर उड़ान भरते हैं। बाली ने कहा कि करीब 112 एनएसओपी हैं लेकिन इनमें से 40-50 फीसदी केवल एक विमान का संचालन करते हैं। उन्होंने कहा कि एनएसओपी के पास करीब 450 विमान होने का अनुमान है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इन ‘ऑपरेटर’ के पास जो विमान और हेलीकॉप्टर हैं, उनमें बैठने की क्षमता तीन से 37 तक है। आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश विमानों और हेलीकॉप्टर में बैठने की क्षमता 10 से कम है। मेहरा ने कहा कि राजनीतिक नेता छोटे कस्बों तक यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की मांग करेंगे, इसलिए हेलीकॉप्टर की मांग अधिक बढ़ने की संभावना है।