नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अटकलें हैं कि भारतीय जनता पार्टी और ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के बीच गठबंधन हो सकता है। हालांकि, अब तक सीटों पर अंतिम सहमति को लेकर साफतौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इसी बीच खबरें हैं कि भाजपा ने ओडिशा के अपने बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। फिलहाल, नेताओं को क्यों बुलाया गया, अब तक वजह साफ नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि गठबंधन को लेकर बयानबाजी के चलते नेताओं को बुलाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ओडिशा के नेताओं से गठबंधन को लेकर भ्रामक बयानों से दूर रहने के लिए कह सकता है। खास बात है कि हाल ही में ओडिशा भाजपा के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने बीजद के साथ गठबंधन की संभावनाओं से इनकार कर दिया था।
खास बात है कि बीते चार दिनों में ओडिशा के बड़े नेता दूसरी बार दिल्ली पहुंचे हैं। इनमें समाल के साथ-साथ मानस मोहंती, प्रदेश चुनाव प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर और सह प्रबारी लता उसेंदी का नाम शामिल है। मोहंती भाजपा सचिव (संगठन) हैं। ये सभी नेता रविवार शाम दिल्ली पहुंचे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सामल का कहना है कि पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की जमीनी स्थिति पर चर्चा करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘इस बैठक के एजेंडा की मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन यह साफ है कि चर्चा हमारी तैयारियों के इर्द-गिर्द ही रहेगी।’ गठबंधन को लेकर उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बीजद प्रमुख कह रहे थे कि राजनीतिक में अफवाहें और झूठ खराब होते हैं। रिपोर्ट में बीजद सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह संदेश सामल की तरफ से गठबंधन पर दिए हुए बयान पर प्रतिक्रिया हो सकती है। बीजद सुप्रीमो ने वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया।
सामल और पार्टी के ओडिशा चुनाव प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर ने दावा किया था कि बीजद के साथ गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। तोमर और सामल दोनों ने यह भी कहा कि ओडिशा में भाजपा विधानसभा की सभी 147 सीटों और लोकसभा की 21 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। तोमर ने यहां तक दावा किया कि उन्हें गठबंधन पर बीजद नेताओं और भाजपा के केंद्रीय नेताओं के बीच बातचीत के बारे में कोई जानकारी नहीं है।