नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 16 मार्च को मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होना ही होगा। राउज एवेन्यू स्थित सत्र अदालत ने समन पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सत्र अदालत में अपील दायर करके व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की थी। उनकी याचिका पर गुरुवार और शुक्रवार को लंबी सुनवाई हुई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से आज अधिवक्ता राजीव मोहन और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने दलीलें रखीं। रमेश गुप्ता ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक लोक सेवक हैं, जबकि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें समन पर्सनल कैपेसिटी पर किया गया है। रिकॉर्ड में यह साफ है कि मामला तब दर्ज किया गया जब वह सीएम थे। रमेश गुप्ता ने कहा कि हम दो दिन पहले इसलिए आए हैं क्योंकि हमें पता था की दूसरी शिकायत भी दर्ज की जाएगी, हम दूसरी शिकायत का इंतजार कर रहे थे।