नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में नकली दवा और ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कई दिनों से जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन नशे से जुड़ा एक ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने दिल्ली पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। क्राइम ब्रांच का एक सब इंस्पेक्टर (एसआई) ही ड्रग्स तस्करी का गिरोह चला रहा था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिसकर्मी दक्षिण अफ्रीका भाग गया। पुलिस ने उसे हाल ही में निलंबित कर दिया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो जनवरी को दक्षिण-पूर्वी जिला की एंटी नारकोटिक्स सेल ने डी-16, सिद्धार्थ नगर, सनलाइट कॉलानी से नाबालिग सहित दो लोगों को पकड़ा था। उनके पास 12.582 ग्राम गांजा बरामद हुआ था। पुलिस ने आरोपियों को पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपना पक्ष रखने के लिए अनुमति मांगी।
अनुमति मिलने पर उसने बताया कि पुलिस ने जो सामान बरामद किया है, वह उसका नहीं है। बरामद सामान सनलाइट कॉलोनी में मौजूद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के कार्यालय में तैनात सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार का है। आरोपी ने बताया कि नरेश ने सिद्धार्थ नगर में एक फ्लैट किराए पर ले रखा है। इसमें उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी राज्यों से लाई गई ड्रग्स और गांजा रखा जाता था। बरामद सामान से अलग फ्लैट पर चार कट्टे, एक ट्रॉली बैग, 3 जीप बैग और रखे हैं।
आरोपी के पास सभी के नंबर
फ्लैट पर लोग उनके छोटे-छोटे पैकेट बनाते हैं और फिर उसे दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भेजा जाता है। इस पूरे गिरोह को नरेश कुमार चलाता है। उसके पास ड्रग्स सप्लाई करने वाले और ड्रग्स लेने वाले सभी के नंबर हैं। आरोपी की बात सुनकर कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए।
नेपाल और सीरिया के रास्ते देश छोड़कर फरार
कोर्ट में आरोपी की पेशी के दौरान एसआई नरेश कुमार मौके पर ही था। इसके बाद वह कोर्ट से ही फरार हो गया। उसकी वर्तमान लोकेशन दक्षिण अफ्रीका बताई जा रही है। वह भारत से नेपाल और सीरिया होते हुए दक्षिण अफ्रीका पहुंचा है। सूत्रों का कहना है कि क्या पता वह वीपीएन का इस्तेमाल कर रहा हो। उसकी सही लोकेशन के बारे में जांच की जा रही है।
सप्लाई लेने के लिए खुद जाता था
पुलिस जांच में सामने आया कि नरेश कुमार अपने सहयोगियों के खुद ड्रग्स और गांजे की सप्लाई लेने के लिए उड़ीसा और उत्तर पूर्वी राज्यों में जाता था। आरोपी वहां जाने के लिए फ्लाइट का उपयोग करते थे और डील करने के बाद नरेश अपने सहयोगी को वहां छोड़कर वापस दिल्ली आ जाता था। इसके बाद ड्रग्स सप्लायर और नरेश का सहयोगी ड्रग्स लेकर दिल्ली आते थे। वहां नशे के छोटे-छोटे पैकेट में भरकर उन्हें अलग-अलग इलाकों में बेचा जाता है।
सीडीआर-बैंक अकाउंट से सुराग मिला
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआई नरेश की सीडीआर और बैंक अकाउंट की जांच की तो अहम सुराग हाथ लगे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नरेश कुमार की सीडीआर से सामने आया कि वह अन्य आरोपियों के लगातार संपर्क में था। फ्लैट के पास लगे सीसीटीवी में एसआई बैग और आरोपियों के साथ दिखाई दिया है। इसके अलावा एसआई के बैंक अकाउंट में भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं। पुलिस ने जिस फ्लैट पर छापा मारा था, वह भी नरेश ने अपने दस्तावेजों पर ही किराए पर लिया था।