श्रीनगर:इस साल अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए, केंद्र से तीर्थयात्रियों के लिए श्रीनगर से सीधे पंचतरणी के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की मांग की गई है। बता दें कि पंचतरणी से मुख्य तीर्थस्थल लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है और हेलीकॉप्टर सेवा के लिए पंचतरणी ही अंतिम ड्रॉप ऑफ पॉइंट है।
अब तक, तीर्थयात्रियों के लिए बालटाल और पहलगाम से पंचतरणी तक हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं। इस जगह से तीर्थयात्री या तो पैदल चलते हैं या खच्चर की सवारी करते हैं या फिर अमरनाथ मंदिर के लिए पालकी में जाते हैं। बालटाल और पहलगाम दोनों श्रीनगर से करीब 90 किलोमीटर दूर हैं। इस वर्ष, एक नया मार्ग जोड़ा जा रहा है – बडगाम (श्रीनगर हवाई अड्डे के पास) से पंचतरणी तक।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, “सरकार इस यात्रा के दौरान भारी भीड़ की उम्मीद कर रही है, इसलिए पिछले हफ्ते हुई बैठक में इस पर दबाव कम करने का फैसला किया गया था कि यात्रियों को सीधे श्रीनगर से भी हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।” उनके अनुसार, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को भी यह जांचने के लिए कहा गया है कि क्या अमरनाथ गुफा की तलहटी में हेलिकॉप्टरों को उतारना संभव होगा। अभी तक, केवल वीवीआईपी को लाने वाले हेलिकॉप्टर ही गुफा के पास उतरते हैं।
अधिकारी ने कहा, “इससे दूरी भी कम होगी और एक दिन में अधिक यात्री मंदिर जा सकेंगे।” हालांकि, इस सेवा का इस्तेमाल केवल कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा किया जाएगा क्योंकि इसमें काफी खर्चा आएगा। इस हेलीकॉप्टर रूट का किराया अभी तय किया जा रहा है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर तैयार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, केवल 15,000 पंजीकृत श्री अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों को एक दिन में पहलगाम और बालटाल से आगे जाने की अनुमति है – जिसमें बालटाल और पहलगाम ट्रैक से 7,500 प्रत्येक यात्री शामिल हैं।
इसमें उन तीर्थयात्रियों को शामिल नहीं किया गया है जो पंचतरणी के लिए किसी भी मार्ग पर हेलीकॉप्टर से यात्रा करेंगे। सरकार भी इस योजना के लिए उत्सुक है क्योंकि इसका मतलब यह भी होगा कि बालटाल और पहलगाम की ओर जाने वाली सड़क पर तीर्थयात्रियों की संख्या कम होगी, जिससे जोखिम भी कम होगा। इस साल यह यात्रा 30 जून से 43 दिनों तक चलेगी।