नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दाखिल अपने हलफनामे में दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। ईडी ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, ‘आप’ नेताओं और अन्य लोगों की मिलीभगत से धन शोधन के अपराध को अंजाम देने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
जांच एजेंसी ने हलफनामे में कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को 9 बार समन देकर बुलाया गया था, लेकिन वो पेश नहीं हुए। गौरलतब है कि केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को सही ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए ईडी को 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि मामले की सुनवाई 29 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में होगी।
ईडी झूठ बोलने की मशीन : आप
‘आप’ ने हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ईडी झूठ बोलने वाली मशीन है। वह एक जांच एजेंसी नहीं, बल्कि भाजपा के राजनीतिक दल की तरह काम कर रही है। ईडी के पास दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले में एक भी सबूत नहीं है। सिर्फ अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार से रोकने के लिए यह सारी साजिश की गई है।
तिहाड़ के की जेल नंबर-2 में बंद हैं केजरीवाल
गौरतलब है कि, अरविंद केजरीवाल को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। केजरीवाल अपने पूर्व कैबिनेट मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के साथ तिहाड़ जेल में बंद हैं। केजरीवाल को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल नंबर-2 में रखा गया है।