नेतरहाट। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को लातेहार और हजारीबाग के बरही में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने देश में तानाशाही शासन लागू करने की कोशिश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और बताया कि अपमान के डर से वह अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए। खरगे ने कहा कि वह दलित समुदाय से हैं, ऐसे में उन्हें अपमानित होने का डर था, यही वजह है कि वह 22 जनवरी को राम मंदिर के कार्यक्रम में नहीं गए।
झारखंड में चतरा लोकसभा के नेतरहाट में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने पूछा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो एक आदिवासी हैं, उन्हें संसद भवन या राम मंदिर में ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित क्यों नहीं किया गया? पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जो एक दलित हैं, उन्हें संसद भवन के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित क्यों नहीं किया गया?’ उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘मुझे प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला था, लेकिन मैं नहीं गया, क्योंकि मुझे डर था कि वे इसके तुरंत बाद परिसर की ‘शुद्धि’ करेंगे। इसके अलावा, मुझे मूर्ति के पास जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘और फिर, आप (मोदी) दावा करते हैं कि आपने एक आदिवासी महिला या दलित पुरुष को राष्ट्रपति बनाया। आपने उन्हें आमंत्रित नहीं किया क्योंकि आपने सोचा था कि आप ‘अपवित्र’ हो जाएंगे।’ उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा की इससे पहले बहुत देर हो जाए, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर मोदी को हराना है। उन्होंने रैली में यह समझाने की कोशिश की कि मौजूदा लोकसभा चुनाव देश, इसके संविधान, लोकतंत्र और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। खरगे ने मतदाताओं से तानाशाही शासन की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया।
कांग्रेस नेता ने बताया कि कैसे आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झूठे केस में जेल में डाल दिया गया है क्योंकि वह भाजपा के सामने नहीं झुके। इसे दौरान पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि इस बार का चुनाव तानाशाही ताकतों और जनता के बीच है। इस चुनाव में हमारी जनता प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है। कल्पना ने कहा, ‘जब उन्होंने (भाजपा ने) आपको (मतदाताओं को) घर और पेंशन देने से इनकार कर दिया, तो हेमंत के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों को घर देने के लिए आवास योजना और पेंशन योजना शुरू की।’