राजकोट। गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम जोन जिसमें लगी आग के कारण बच्चों सहित 27 लोग असमय काल के गाल में समा गए, उसी आग में गेम जोन के मालिकों में से एक प्रकाश हिरन की भी मौत हो गई। हिरन की मौत की अब पुष्टि हो गई है। अधिकारियों ने डीएनए टेस्टिंग के जरिए प्रकाश हिरन की पहचान की पुष्टि की है। घटनास्थल पर मिले अवशेषों से लिए गए नमूनों का प्रकाश की मां के डीएनए से मिलान किया गया, जिससे उसकी मौत की पुष्टि हुई।
आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में दिखे
प्रकाश हिरन टीआरपी गेम जोन के प्रमुख शेयरधारक थे। आग लगने के समय के सीसीटीवी फुटेज में प्रकाश को घटनास्थल पर देखा गया, जो अग्निकांड के दौरान उनकी उपस्थिति की पुष्टि करता है। उनकी मौत के बारे में जानकारी तब सामने आई, जब प्रकाश के भाई, जितेंद्र हिरन ने पुलिस में शिकायत की। उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद, प्रकाश से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया, सभी फोन नंबर बंद हैं और प्रकाश की कार आग लगने वाली जगह पर मिली है।
छह पर केस दर्ज
जितेंद्र की शिकायत के बाद, पहचान प्रक्रिया में सहायता के लिए परिवार से डीएनए सैंपल लिए गए। डीएनए विश्लेषण ने पुष्टि की कि प्रकाश उन पीड़ितों में से एक था जिनके अवशेष आग के बाद मिले थे। पुलिस ने गेम जोन में आग लगने के सिलसिले में हिरन सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। गुजरात पुलिस ने टीआरपी गेम जोन चलाने वाले धवल कॉरपोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को रेसवे एंटरप्राइजेज के पांच पार्टनर के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने रेसवे एंटरप्राइजेज के पार्टनर युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और गेम जोन मैनेजर नितिन जैन को भी गिरफ्तार किया है।
चार लोग गिरफ्तार
बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाणा ने बताया कि धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को पड़ोसी राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही शनिवार को हुई इस घटना के संबंध में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मकवाणा ने बताया, ‘ठक्कर को गत रात राजकोट और बनासकांठा पुलिस द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान में आबू रोड से गिरफ्तार किया गया।’ विशेष लोक अभियोजक तुषार गोकानी ने कहा, ‘अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर की अदालत ने धवल ठक्कर को 10 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।’