नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार शाम आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की, जिससे बस खाई में जा गिरी। इस घटना में तीन महिलाओं समेत नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हुए हैं। हमले के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शा ने कहा कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। रियासी आतंकी हमले पर बड़ी जानकारी सामने आई है। पता लगा है कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का हाथ है। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने जानबूझकर यह हमला पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान किया था। ताकि हमले की गूंज जम्मू कश्मीर से दिल्ली तक पहुंचे। बताया जा रहा है कि हमले की प्लानिंग लश्कर ने पाकिस्तानी धरती में तैयार की।
जानकारी के अनुसार, रविवार शाम तीर्थयात्रियों से भरी बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी और इसी दौरान पोनी इलाके के तेरयाथ गांव के पास शाम करीब छह बजकर 15 मिनट पर हमला किया गया और 53 सीटों वाली बस गोलीबारी के बाद गहरी खाई में गिर गई। इस हमले में 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 33 अन्य लोग घायल हो गए थे।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के बीच जानबूझकर हमला किया
सूत्रों का कहना है कि यह रियासी में आतंकी हमला पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जानबूझकर अंजाम दिया गया। आतंकियों में लगभग 12 जिहादी हैं जो जम्मू क्षेत्र में तीन या दो के ग्रुप में राजौरी-पुंछ के जंगलों के अंदर रेकी कर रहे थे। इस आतंकवादी समूह में एलओसी के पार से कई पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं जिन्होंने सुरंग के लिए एलओसी पार की। हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों ने एलओसी के पास किसी भी सुरंग के होने का खंडन किया है।