नई दिल्ली:पानी की बर्बादी और ‘टैंकर माफिया’ के मुद्दे पर बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से मिली फटकार के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने इस मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के अधिकारियों और टैंकर माफिया की संभावित मिलीभगत की जांच की जरूरत बताई है। साथ ही उन्होंने पानी की चोरी रोकने के लिए दिल्ली के हिस्से वाली मुनक नहर में ACP स्तर के अधिकारी को तैनात करने की मांग भी की है।
आतिशी ने पत्र में लिखा, ‘दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की टैंकर माफिया के साथ संभावित मिलीभगत की जांच की जरूरत है। ऐसा लगता है कि पिछले एक साल में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा तैनात टैंकरों में जानबूझकर और काफी कमी की गई है। जनवरी 2023 में DJB (दिल्ली जल बोर्ड) ने 1179 टैंकर तैनात किए थे और जून 2023 में यह संख्या 1203 थी। हालांकि, जनवरी 2024 में यह संख्या घटाकर 888 कर दी गई, वह भी मेरी मंजूरी के बिना; वास्तव में, मुझसे कोई परामर्श किए बिना।’
आतिशी ने पत्र में यह भी मांग भी की कि दिल्ली में मुनक नहर पर गश्त करने के लिए एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी को तैनात किया जाना चाहिए, ताकि वहां जल-भरने की कोई अवैध गतिविधि न हो। आतिशी ने लिखा कि ‘10.06.2024 को हुई बैठक में, माननीय एलजी ने मुनक नहर की उप-शाखाओं DSB और CLC के दिल्ली खंड से पानी भरने वाले निजी टैंकरों की कुछ तस्वीरें दिखाई थीं। अगले दिन भाजपा ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वही तस्वीरें दिखाईं। चूंकि दिल्ली इस भीषण गर्मी और जल संकट के समय पानी की कमी बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसलिए मैं माननीय उपराज्यपाल से अनुरोध करना चाहूंगी कि मुनक नहर के दिल्ली वाले हिस्से में गश्त करने के लिए एक एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी को तैनात किया जाए, ताकि कोई भी निजी टैंकर अवैध रूप से वहां से पानी न भर सके।’
आतिशी ने लिखा कि, ‘मैंने बार-बार पानी के टैंकर की कमी के बारे में शिकायत करते हुए इस मुद्दे को उठाया और DJB के CEO से टैंकरों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 14 मार्च, 3 अप्रैल और फिर 12 अप्रैल, 2024 को मैंने मुख्य सचिव को पानी के टैंकरों की संख्या को पिछले वर्षों में तैनात की गई संख्या तक बढ़ाने का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकरों की संख्या में की गई इसी कमी के कारण ही निजी टैंकर माफियाओं के पनपने की संभावना है, जो अवैध रूप से पानी बेच रहे हैं। यदि प्रभारी मंत्री के निर्देश के बावजूद दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली जल बोर्ड में तैनात किए गए पानी के टैंकरों की संख्या में वृद्धि नहीं की है, तो यह उनकी और टैंकर माफिया के बीच मिलीभगत को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
आगे उन्होंने लिखा, ‘सामान्य ज्ञान तो कहता है कि इस भीषण गर्मी में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा तैनात किए गए पानी के टैंकरों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होनी चाहिए थी। हालांकि, ऐसा नहीं होने से यह माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और टैंकर माफिया के बीच मिलीभगत है। इसलिए, मुख्य सचिव और दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ की टैंकर माफिया के साथ मिलीभगत की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जानी चाहिए। जांच लंबित रहने तक दोनों अधिकारियों को निलंबित किया जा सकता है, ताकि कार्यवाही प्रभावित न हो।’
इससे पहले पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से पूछा कि इस समस्या से निपटने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि यदि आप टैंकर माफिया से नहीं निपट सकते हैं तो हम दिल्ली पुलिस से टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे। कोर्ट ने कहा, ‘यदि हिमाचल प्रदेश से पानी आ रहा है तो दिल्ली में कहां जा रहा है? यहां इतनी चोरी हो रही है, टैंकर माफिया काम कर रहे हैं। क्या आपने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है?’