मुंबई। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 30 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद से विपक्ष में उत्साह है। कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार गुट की एनसीपी ने अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच गठबंधन का एक प्लान राज्य के दो उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को झटका दे सकता है। गठबंधन प्लान बना रहा है कि दोनों नेताओं को उनके गढ़ में ही घेरा जाए और खुद उन्हें ही चुनाव में हरा दिया जाए। इसके अलावा यदि ये लोग जीतें भी तो उन्हें अपनी ही सीट पर ज्यादा समय देना पड़ जाए ताकि दूसरे इलाकों में प्रचार के लिए न जा सकें। इससे भाजपा और अजित पवार की एनसीपी को रोकने में मदद मिलेगी।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास होम मिनिस्ट्री है और उन्हें एकनाथ शिंदे से कम ताकत प्राप्त नहीं है। उन्हें सरकार का सबसे अहम चेहरा माना जाता है। ऐसे में उन्हें हराने पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों का जोर है। वह नागपुर की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। यह नागपुर लोकसभा सीट के तहत आती है, जिससे नितिन गडकरी सांसद हैं। कांग्रेस को यहां इसलिए उम्मीद है क्योंकि नितिन गडकरी की जीत का अंतर उसने कम किया है। ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि यदि सही रणनीति से घेराव कर लिया जाए तो देवेंद्र फडणवीस की सीट पर उलटफेर भी हो सकता है।
गडकरी की जीत का अंतर कम होने से फडणवीस को क्या खतरा?
नितिन गडकरी को 2019 में यहां 55 हजार से जीत मिली थी और इस बार अंतर 33 हजार का ही है। वहीं देवेंद्र फडणवीस वाली विधानसभा की बात करें तो भाजपा को यहां जीत मिलती रही है, लेकिन सामाजिक समीकरणों को लेकर कांग्रेस को उम्मीद है। उसे लगता है कि यदि दलित, मुस्लिम, कुनबी यानी DMK समीकरण को साध लिया जाए तो जीत मिल सकती है। वहीं शरद पवार भी चाहते हैं कि भतीजे अजित पवार को सबक सिखाया जाए। वह बीते साल जून में ही शरद पवार से अलग होकर सरकार का हिस्सा बन गए थे। उनके साथ एनसीपी के 40 विधायकों ने अलग रास्ता अपना लिया था।
बारामती में हारी थीं अजित की पत्नी, इन वोटरों पर विपक्ष को भरोसा
अब वह चाहते हैं कि अजित पवार की बारामती में ऐसी घेरेबंदी की जाए कि वह खुद ही हार जाएं। बता दें कि बारामती लोकसभा सीट से अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्र को उतारा था, लेकिन जीत सुप्रिया सुले को ही मिली। इससे शरद पवार खेमे का हौसला बढ़ गया है। राज्य में अक्टूबर या नवंबर में चुनाव होंगे और उससे पहले ही दोनों सीटों पर विपक्ष ऐक्टिव हो गया है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इन सीटों पर उद्धव, शरद पवार के अलावा कांग्रेस के भी सीनियर नेता प्रचार करने जाएंगे। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि यदि हम तेली और कुनबी वोटरों का एक हिस्सा साथ ले आए तो दोनों नेताओं को हराया जा सकता है।