नई दिल्ली:रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में तेज हलचल के बावजूद चालू वित्त वर्ष में व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के जरिए म्यूचुअल फंड निवेश नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है। आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान एसआईपी में निवेश 29 प्रतिशत बढ़कर 1,12,238 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में एसआईपी में 86,898 करोड़ रुपये का निवेश रहा था।
एसआईपी में औसत निवेश चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 9353 करोड़ रुपये पहुंच पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7241 करोड़ रुपये रहा था। पिछले साल अप्रैल से एसआईपी में मासिक निवेश लगातार बढ़ रहा है और यह 8596 करोड़ रुपये से बढ़कर जनवरी में 11,517 करोड़ रुपये प्रति महीना पर पहुंच गया है। अप्रैल से जनवरी के दौरान किसी भी महीने में एसआईपी निवेश में गिरावट नहीं आई है। शेयर बाजारों भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद एसआईपी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, फरवरी में यह गिरकर 11,438 करोड़ रुपये रहा है।
जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 का अंतिम महीना होने के कारण मार्च में एसआईपी निवेश थोड़ा कम रह सकता है। हालांकि, अगले छह महीनों और पूरे वित्त वर्ष में एसआईपी में निवेश ज्यादा रहा सकता है। इसका कारण यह है कि म्यूचुअल फंड मार्केट की भागीदारी बढ़ रही है।
चालू वित्त वर्ष में जनवरी के अंत तक एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 30 लाख से ज्यादा नई एसआईपी जोड़ी हैं। पिछले साल के मुकाबले इसमें 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। एसबीआई म्यूचुअल फंड का औसत मासिक एसआईपी निवेश 1800 करोड़ रुपये रहा है, जबकि प्रति ग्राहक औसत मासिक निवेश 2500 रुपये रहा है।
एसबीआई म्यूचुअल फंड का कहना है कि उसका 50 प्रतिशत से ज्यादा एसआईपी निवेश टियर-2 और टियल-3 जैसे छोटे शहरों से आ रहा है। मबजूत बैंकिंग नेटवर्क और बीते तीन-चार वर्षों में निवेशकों का भरोसा बढ़ने के कारण ज्यादा निवेश आ रहा है। इसी प्रकार से निप्पोन इंडिया म्यूचुअल फंड की एसआईपी में भी दिसंबर में 2010 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। पिछले साल समान तिमाही में 1770 करोड़ रुपये का निवेश मिला था।