कीव: अमेरिका से भेजे गए लंबी दूरी तक मार करने वाले राकेट सिस्टम गुरुवार को यूक्रेन पहुंच गए। जल्द ही इन्हें युद्ध के मोर्चे पर तैनात कर दिया जाएगा। करीब 80 किलोमीटर तक सटीक मार करने में सक्षम ये राकेट रूसी सेना को पीछे धकेलने में यूक्रेनी सेना की मदद कर सकते हैं। यूक्रेन कई हफ्ते से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की मांग कर रहा था। अमेरिका ने यूक्रेन को हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम (एचआइएमएआरएस) भेजा है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनीकोव ने ट्वीट कर इस आपूर्ति के लिए अमेरिकी समकक्ष लायड आस्टिन का शुक्रिया अदा किया है। रेजनीकोव ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि अमेरिका ने अभी कितने राकेट सिस्टम यूक्रेन भेजे हैं।
इस बीच रूसी सेना गुरुवार को अपना कब्जा बढ़ाते हुए लुहांस्क प्रांत के दो गांवों में पहुंच गई। साथ ही उस राजमार्ग पर कब्जा कर लिया जिसके जरिये यूक्रेनी सेना को रसद की आपूर्ति होती थी। रूसी सेना सीविरोडोनेस्क के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा करने के बाद अब पड़ोसी शहर लिसिचांस्क पर कब्जे की कोशिश में है। इसी के चलते बीते सप्ताह से शहर पर जोरदार हमले हो रहे हैं। लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदाई ने कहा है कि जीत सुनिश्चित करने के लिए रूसी सेना को सब कुछ बर्बाद करने में हिचक नहीं है। शहरों को जलाकर राख कर रही है।
उधर, कालिनिनग्राद के मसले पर रूस ने बुधवार को नाटो और यूरोपीय यूनियन के सदस्य देश लिथुआनिया को गंभीर दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। कालिनिनग्राद बाल्टिक सागर के किनारे स्थित रूसी हिस्सा है। यहां जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए जहाज को लिथुआनिया की जल सीमा पार करनी होती थी। लिथुआनिया से भी मालगाड़ी के जरिये माल भेजा जाता था। लेकिन यूक्रेन युद्ध के खिलाफ लागू यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों का पालन करते हुए लिथुआनिया ने रूसी जहाजों के आवागमन पर रोक लगा दी। लिथुआनिया ने कहा है कि यूरोपीय यूनियन के नेताओं से इस संबंध में वार्ता हुई है, उन्होंने प्रतिबंधों को बरकरार रखने की सलाह दी है। विदित हो कि लिथुआनिया रूस का पड़ोसी देश है और सोवियत संघ में भी शामिल रहा है।