डेस्क:केंद्रीय बजट में बिहार पर विशेष ध्यान दिया गया है। निर्मला सीतामरण के बजट पर प्रतिक्रियाओं का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट को बिहार के लिए विकासोन्मुखी और प्रगतिशील बताया है तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि सब गुजरात को मिला, बिहार को ठेंगा दिखा दिया गया। लोजपा आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फूड प्रोसेसिंग मंत्री चिराग पासवान ने बजट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया है तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इस छलावा करार दिया है। इस बीच एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने जो प्रतिक्रिया दी है वह सबसे अलग है। उन्होंने खादी के गमछे से आंसू पोछने जैसी बात कहकर एनडीए विरोधियों पर तंज कसा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जीतनराम मांझी ने अपनी भावना प्रकट की है। उन्होंने लिखा है कि आज बजट के बाद से बिहार विरोधियों के आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहें होंगें। वैसे,बिहार विरोधियों को मेरी सलाह है कि आँसू पोंछने के लिए खादी के गमछे का ही उपयोग कीजिएगा इससे आँसू भी जल्द सूख जाएँगें और खादी से जुड़े लोगों को रोजगार भी मिलेगा। खादी उनके विभाग के अंतर्गत आता है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतन मांझी का यह बयान बिहार में सियात गर्म करने वाला है।
नाम लिए बगैर जीतनराम मांझी ने जवाब दे दिया है। तेजस्वी यादव ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बिहार में पलायन कैसे रुकेगा, कारखाना कैसे खुलेगा, इन बातों की चर्चा नहीं है। राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिला। गरीब राज्य बिहार को पैकेज भी नहीं दिया गया। बिहार को कुछ भी नया नहीं, केवल जुमलेबाजी की गई। कौन सी रेल मिली, कहां-कहां हॉल्ट होगा इन बातों पर कोई चर्चा नहीं।
इधर डिप्टी सीएम वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांगों पर विचार करते हुए बिहार के विकास के लिए सहयोग किया है। राज्यों के लिए दी जाने वाली ब्याज मुक्त ऋण के तहत बिहार को करीब 15 हजार करोड़ रुपये मिलेगा। वहीं, केंद्रीय करो में हिस्सेदारी के रूप में इस बार 1 करोड़ 45 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है।