बड़वानी:मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पाटी ब्लॉक में आदिवासी युवाओं की नई पीढ़ी में अवैध हथियारों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया के स्टेटस पर डाल कर बाहुबली देखने की चाहत का प्रचलन सामने आया है। जिले की पाटी पुलिस ने जून महीने के पहले हफ्ते में दो आदिवासी युवाओं को 5 पिस्तौलों और रिवाल्वर के साथ गिरफ्तार किया था। ये हथियार उन्होंने जिले के पलसूद थाना क्षेत्र के उंडी खोदरी निवासी एक सिकलीगर कोक सिंह से खरीदे थे।
पाटी के थाना प्रभारी आर के लोवंशी ने आरोपियों से पूछताछ और अभी तक की विवेचना के आधार पर बताया कि वह उन हथियारों को दो से तीन हजार के फायदे में अन्य युवाओं को बेच देते हैं। उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी खेप पाटी में पूर्व में कभी भी नहीं पकड़ी गई इसलिए चौंकना स्वाभविक था। हथियारों के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान के बारे में जब पता किया गया तो आरोपियों ने बताया कि दरअसल आदिवासी उज्जैन के खतरनाक अपराधी दुर्लभ कश्यप से भी प्रभावित हैं और उक्त हथियार के साथ अपनी फोटो व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस पर डालकर अपने प्रभाव का प्रदर्शन कर रहे हैं। वह दुर्लभ कश्यप जैसा काला गमछा और आंखों में सुरमा, रुद्राक्ष की माला, काले धागे, माथे पर लाल तिलक लगाकर भी फोटो शेयर कर रहे हैं।
हाल-फिलहाल में बढ़ा हथियारों के प्रदर्शन का प्रचलन
बता दें कि दुर्लभ कश्यप की आपसी विवाद के चलते सितम्बर 2020 में हत्या कर दी गई थी। दोनों आरोपियों ने अपने मोबाइल पर कई युवाओं के फेसबुक और व्हाट्सएप स्टेटस पुलिस को दिखाए जिसमें वह हथियारों के साथ नजर आ रहे हैं। आरोपियों ने बताया कि खरीदने वाले युवा आदिवासियों के शादी-ब्याह तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भी इसका प्रदर्शन करते हैं। युवाओं का इस तरह के कार्यक्रमों में हथियार ले जाने का प्रचलन बढ़ गया है। वे कार्यक्रमों में नाचने के दौरान भी पिस्तौलों का प्रदर्शन करने लगे हैं।
सिगनूर में भी बनाए जाते हैं अवैध हथियार
गौरतलब है कि बड़वानी जिले के वरला थाना क्षेत्र का उमरठी और पलसूद थाना क्षेत्र का उंडी खोदरी अवैध हथियार निर्माण और बिक्री के लिए पूरे भारत में कुख्यात है। बड़वानी से लगे खरगोन जिले के सिगनूर में भी बड़ी मात्रा में देशी हथियार बनाए जाते हैं। पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि जिले के पिछड़े इलाके पाटी से झाबुआ व अलीराजपुर जिलों के क्षेत्र में लगे हुए हैं और दोनों स्थानों के लोग विभिन्न स्थानों पर जाकर वारदात करते हैं और हाल ही में कई घटनाएं प्रकाश में भी आई हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासियों की फेसबुक और व्हाट्सएप पर हथियारों के साथ स्टेटस डालने की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
6 महीने में पकड़े गए 100 अवैध हथियार
शुक्ला ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष 35 प्रकरणों में 100 से अधिक हथियार पकड़े गए थे, लेकिन इस बार 6 महीनों के दौरान ही करीब 20 प्रकरणों में 100 से अधिक अवैध हथियार जब्त किये गए हैं। निमाड़ अंचल के डीआईजी तिलक सिंह (सिंह बड़वानी के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं) ने कहा कि बड़वानी जिले के पाटी क्षेत्र में अवैध फायर आर्म्स की स्मगलिंग के प्रकरण पूर्व में नहीं देखे गए हैं। आदिवासी युवाओं में इस तरह की प्रवृत्ति घातक है और उन्होंने इस घटना के बारे में पता चलने पर अपने हाल के ही बड़वानी जिले के दौरे में पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि खरगोन जिले में पिछले वर्ष पुलिस ने हथियार के साथ फोटो स्टेटस डालने पर कार्रवाई की थी।