संकष्टी चतुर्थी और गणेश पूजासंकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। हर महीने में चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा से जीवन के सभी कष्टों से छुटाकारा मिलता है। आज एकदंत चतुर्थी है। आज के दिन भगवान गणेश के एकदंत रूप की पूजा की जाती है। चतुर्थी तिथि कल रात 11.36 बजे ही लग गई थी और आज रात को 8.2 मिनट तक रहेगी। कहा जाता है कि इस दिन गणेश अथर्वशीर्ष तथा गणेश उपनिषद का पाठ करना उत्तम रहता है। बुद्धि, बल और विवेक के देवता कहे जाने गणपति हमेशा पहले पूजे जाते हैं, इनकी पूजा सभी कष्टों को हर लेती है।
आज के दिन पूरे दिन व्रत करके रात को चंद्रमा को देखकर व्रत खोला जाता है। महीने में दो चतुर्थी पड़ती हैं, एक कृष्ण पक्ष की और एक शुक्ल पक्ष की। इस तरह साल में 24 चतुर्थी व्रत होते हैं। इनमें करवा चौथ और सकट चौथ और गणेश चतुर्थी व्रत खास तौर पर मनाए जाते हैं। आज के दिन उत्तराषाढ़ नक्षत्र बन रहा है। इस नक्षत्र का प्रजापति योग भगवान गणेश की पूजा के लिए बहुत ही अधिक फलदायी है। इस व्रत में पीले कपड़े पहनें और भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाना उत्तम माना जाता है।