फिरोजाबाद:पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा के कद्दावर ने आजम खां की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही हैं। उन पर नया शिंकजा कस गया है। 15 साल पुराने मामले में एसीजेएम न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। न्यायालय ने 30 अप्रैल को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं। मामला विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उत्तेजक भाषण देने का है।
दो अप्रैल 2007 को आजम खां ने हुसैनी मोहल्ले वाले रास्ते पर सपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया था। आरोप है कि उस समय आजम ने काफी उत्तेजक भाषण देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया था। जनपद के आला अधिकारियों ने सीडी देखने के बाद तत्कालीन रिटर्निंग अफसर की ओर से चार अप्रैल को थाना रसूलपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी थी।
आजम खां ने गिरफ्तारी के मामले में उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया था। मामला एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट) अम्बरीश त्रिपाठी के न्यायालय में चल रहा था। उच्च न्यायालय के स्थगनादेश की तिथि समाप्त होने पर उनके अधिवक्ता की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
एसीजेएम त्रिपाठी ने स्थगनादेश की समय सीमा समाप्त होने के साथ सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं। न्यायालय ने आदेश दिया है कि 30 अप्रैल तक पुलिस उनको न्यायालय में पेश करना सुनिश्चित करें।