नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव से पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) में एक बड़ा राजनीतिक तूफान आया है। पार्टी के आठ विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इन विधायकों को पार्टी ने चुनाव में नए उम्मीदवारों से प्रतिस्थापित किया था, जिस कारण उनमें असंतोष उत्पन्न हुआ। यह इस्तीफे आम आदमी पार्टी के लिए अब तक की सबसे बड़ी टूट माने जा रहे हैं।
शाम को सात विधायकों ने एक के बाद एक पार्टी से इस्तीफा दे दिया, और रात करीब 10 बजे मादीपुर से विधायक और दलित नेता गिरीश सोनी ने भी पार्टी छोड़ दी। इन विधायकों के इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है, क्योंकि ये नेता लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए थे और उनके क्षेत्र में एक मजबूत जनाधार था।
राखी बिड़ला के लिए बढ़ी चुनौती
राखी बिड़ला, जो मंगोलपुरी से विधायक थीं, को इस बार मादीपुर से उम्मीदवार बनाया गया था, गिरीश सोनी को हटाकर। लेकिन अब सोनी के इस्तीफे ने बिड़ला के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और परिणाम 8 फरवरी को आएंगे।
अब तक किन-किन नेताओं ने छोड़ा साथ
कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल, पालम से विधायक भावना गौड़, महरौली से विधायक नरेश यादव, त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित मेहरौलिया, आदर्श नगर से पवन शर्मा, बिजवासन से विधायक बी एस जून और जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
AAP का जवाब
इस्तीफे देने वाले विधायकों पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक ये विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के लिए उपलब्ध नहीं थे, इसी कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया। गुप्ता ने कहा, “टिकट न मिलने के बाद वे दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं, यह कोई नई बात नहीं है। यह राजनीति का हिस्सा है।”