डेस्क:देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा आंबेडकर की ‘जाति न्याय’ पर काम करने की बजाय सिर्फ उसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। अपने सोशल मीडिया एक्स के अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक विस्तृत बयान में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की ओर से पांच सूत्री मांगों को भी रेखांकित किया और भाजपा पर डॉ. आंबेडकर के मूल्यों को बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया।
खरगे ने अपने पांच सूत्री एजेंडे का उल्लेख करते हुए लिखा, “संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जी की जयंती आज है। आज के दिन मैं काँग्रेस पार्टी की तरफ़ से 5 बातें कहना चाहता हूँ। पहली बात मैं कहना चाहता हूँ कि Caste Census जरूरी है। अभी केंद्र सरकार 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर अपनी योजनाएँ बना रही है। 2021 में होनेवाले जनगणना का अभी तक पता नहीं। हम माँग करते हैं कि General Census के साथ- साथ ये भी जरूरी है कि Caste Census कराया जाए। क्योंकि इतने वर्षों के बाद ये नहीं मालूम है कि आज समाज के अलग-अलग वर्गों की वास्तविक हालत कैसी है। सामाजिक न्याय के पैमाने पर – शिक्षा, नौकरी, मकान, जमीन का मालिकाना हक़ आदि पर उन्होंने कितनी तरक्की की है।”
खरगे ने दूसरा एजेंडा रखते हुए लिखा है, “1976 में श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने SC -ST Sub-plan लागू किया था ताकि इन समुदायों के साथ समुचित न्याय हो। दुर्भाग्य से 2015 में मोदी सरकार ने इसे ख़त्म कर दिया। हमारे कर्नाटक और तेलंगना राज्य सरकारों ने Sub-plan लागू करने का क़ानून बनाया है। हम भाजपा सरकार से माँग करते हैं कि SC-ST Sub-plan को केंद्र सरकार फिर से लागू करे ।”
उन्होंने आगे तीन अन्य एजेंडों का जिक्र करते हुए लिखा है, “तमिलनाडु के सिवा कोई राज्य नहीं जहाँ आरक्षण सुरक्षित है। हम माँग करते हैं कि राज्यों के आरक्षण को Schedule 9 में शामिल किया जाए जिससे 50% की सीलिंग हटाकर राज्यों के आरक्षण को सुरक्षित किया जा सके।” चौथे एजेंडे पर खरगे ने कहा, “2006 में संशोधन हुआ Art. 15 (5) में संविधान संशोधन कर SC, ST, OBC को Private Colleges में आरक्षण दिलाने के लिए Supreme Court ने 2014 में यह क़ानून upheld हुआ। आज 55% Higher Education Institution private हाथों में है। हमारे बच्चे कैसे पढ़ेंगे ? मोदी सरकार सो रही है। मैं माँग करता हूँ कि इसे क़ानूनी अधिकार बनाया जाय और इसे तत्काल लागू किया जाय। यही सबसे बड़ा tribute होगा बाबासाहेब को !”
पांचवीं मांग और एजेंडे का उल्लेख रते हुए खरगे ने लिखा, “दो साल पहले जब महिला आरक्षण पारित हुआ तब कांग्रेस पार्टी की माँग थी यह अधिनियम फ़ौरन लागू हो और इसके साथ-साथ ही इसके अंदर एक तिहाई आरक्षण SC, ST और OBC महिलाओं के लिए सुनिश्चित हो। कांग्रेस पार्टी इन 5 मांगों को संसद के अंदर और बाहर लेकर संघर्ष करेगी।”
बाद में अपने एक वीडियो संदेश में खरगे ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सीधा हमला किया और कहा, “वे [भाजपा] केवल कांग्रेस, नेहरू जी और हमने अब तक जो कुछ भी किया है, उसके खिलाफ बोलते हैं। लेकिन, मैं पूछता हूं कि उन्होंने अब तक क्या किया है और उन्होंने बाबा साहब के कौन से सिद्धांतों को अपनाया है?” उन्होंने आगे अंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने पर भाजपा की कथित प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा, “उन्होंने कहा कि वे अब अछूत हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने बुद्ध को अछूत बना दिया। अंबेडकर के राजनीतिक जीवन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब की राजनीतिक पार्टी रिपब्लिकन पार्टी थी और हिंदू महासभा उनके खिलाफ थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाए जाने को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए भाजपा के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे। खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा और आरएसएस का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ये लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में बाबासाहेब को हराने के लिए विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता एस ए डांगे जिम्मेदार थे। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों ने संविधान की प्रति जलाई, उनके चेले आज सत्ता में बैठे हैं।