नई दिल्ली:दिल्ली में आम आदमी पार्टी और झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर संकट है। इस मौके इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलने के लिए किया है। कहा जा रहा है कि ‘हार्स ट्रेडिंग’ के वार के जरिए टीएमसी ने एक बार फिर विपक्षी एकता के लिए उम्मीदें तैयार कर दी हैं। खास बात है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान सीएम ममता बनर्जी भी दूरियां बनाती नजर आ रही थीं।
टीएमसी ने मुखपत्र जागो बांग्ला में लिखा है, ‘घोड़ों के कारोबारियों ने 200 साल पहले यह कारोबार शुरू किया था और अब भाजपा इसे करने में माहिर है। उन्होंने हॉर्स ट्रैडिंग को लगभग संस्थागत कर दिया है। राजस्थान, महाराष्ट्र की घटनाएं दिखाती हैं कि कैसे वे इसपर काम कर रहे हैं। झारखंड के विधायक बंगाल में पकड़े गए, लेकिन भाजपा बेशर्म बनी हुई है। अब उनकी नजरें दिल्ली पर हैं और आप विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। आप विधायकों का कहना है कि हॉर्स ट्रैडिंग का बजट 800 करोड़ रुपये हैं। भाजपा 2024 मं नहीं जीतेगी, इसलिए वह पीछे के दरवाजे से जीतने की कोशिश कर रहे हैं।’
क्या है झारखंड का मामला
झारखंड में कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने JMM-कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर लगाए। बंगाल में झारखंड विधायकों के रुपयों के साथ पकड़े जाने के बाद बंगाल सीआईडी ने जांच की, जिसमें कांग्रेस विधायकों और सरमा के बीच तार मिले। हालांकि, सरमा ने आरोपों से इनकार किया है।
दिल्ली में क्या हो रहा है
आप विधायकों ने दावा किया है कि भाजपा उन्हें फर्जी मामलों की धमकी के साथ-साथ लुभा भी रही है। बुधवार को 4 विधायकों ने आरोप लगाए कि भाजपा की तरफ से दिल्ली में सरकार गिराने की कोशिश में उन्हें 20 करोड़ रुपये के ऑफर मिल रहे हैं।
अब टीएमसी का एंगल जानें
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, भले ही टीएमसी विपक्षी एकता पर जोर न दे रही हो, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि भाजपा को 2024 में जादुई आंकड़ा नहीं मिलेगा, जिसका नतीजा अपने आप यह होगा कि विपक्ष एकसाथ आ जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि दिल्ली में जारी ड्रामा पर टीएमसी की आलोचना दिखाती है कि वह सभी विपक्षी दलों से बात कर सकती है और बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर सकती है।