डेस्क:2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों के ‘इंडिया गठबंधन’ पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। इस गठबंधन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, लेकिन अब इसके भीतर कलह और असहमति सामने आने लगी है।
ममता बनर्जी को नेतृत्व सौंपने की मांग
गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस, जो देश की सबसे पुरानी और प्रमुख विपक्षी पार्टी है, इस गठबंधन का नेतृत्व करती रही है। हालांकि, हाल ही में कुछ दलों ने मांग की है कि कांग्रेस से नेतृत्व छीनकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। इस मुद्दे ने गठबंधन के भीतर मतभेद को और तेज कर दिया है।
‘आप’ की कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’ ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। ‘आप’ ने यहां तक कहा है कि कांग्रेस को ‘इंडिया गठबंधन’ से बाहर किया जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस ने दिल्ली और पंजाब में ‘आप’ के खिलाफ ऐसे कदम उठाए हैं, जो भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने जैसे हैं। ‘आप’ ने इन आरोपों को सार्वजनिक मंच पर लाते हुए गठबंधन में असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है।
गठबंधन पर प्रभाव
गठबंधन में चल रहे इन आंतरिक विवादों ने 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये मतभेद समय रहते हल नहीं किए गए, तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
भाजपा के लिए संजीवनी?
‘इंडिया गठबंधन’ की कमजोर होती स्थिति से भाजपा को बड़ा राजनीतिक लाभ हो सकता है। भाजपा पहले से ही मजबूत चुनावी तैयारी में जुटी हुई है और विपक्षी दलों की असहमति उसकी रणनीति को और सशक्त बना सकती है।
अगला कदम क्या होगा?
गठबंधन की प्रमुख पार्टियां फिलहाल विवादों को सुलझाने और साझा रणनीति बनाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ‘आप’ और कांग्रेस के बीच का यह टकराव सुलझ पाता है या फिर यह गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच जाएगा।
निष्कर्ष:
2024 का लोकसभा चुनाव भारतीय राजनीति के लिए बेहद अहम होगा। विपक्षी दलों की एकता यदि बनी रहती है, तो भाजपा के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है। लेकिन ‘इंडिया गठबंधन’ में चल रहे आंतरिक संघर्ष इस एकता को कमजोर कर सकते हैं, जिससे चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।