आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में एक अहम निर्णय लेते हुए एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) के मेयर चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। पार्टी ने यह माना कि 2022 के एमसीडी चुनाव में मिली जीत अब उसके हाथ से फिसल चुकी है और वर्तमान में बहुमत भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के पक्ष में है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने सोमवार सुबह इस निर्णय की घोषणा की कि उनकी पार्टी मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
दिल्ली नगर निगम के 2025-26 कार्यकाल के लिए 25 अप्रैल 2025 को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने वाला है। हालांकि, मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की हार निश्चित है और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की जीत तय है। ऐसे में ‘आप’ ने लड़ाई में शामिल न होकर भाजपा के लिए रास्ता साफ करने का फैसला किया।
वर्ष 2022 में दिल्ली नगर निगम चुनाव की घोषणा 7 दिसंबर को हुई थी, जब भाजपा ने 104 और आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। वर्तमान समय में निगम सदन में दोनों पार्टियों के सीटों का समीकरण बदल चुका है। आम आदमी पार्टी के पास कुल 113 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पास 117 पार्षद हैं। कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं। इसके अलावा, भाजपा के पास 117 पार्षद, 11 विधायक और 7 लोकसभा सांसद मिलाकर कुल 135 वोट हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद, 3 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद मिलाकर कुल 119 वोट हैं।
चुनाव में ना लड़ने की वजह
सौरभ भारद्वाज और आतिशी मार्लेना ने इस फैसले के बारे में बताया कि भाजपा ने तोड़फोड़ करके अपना बहुमत जुटाया है, और अब मेयर चुनाव जीतने के लिए भाजपा के पास वही रास्ता बचा था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी तोड़फोड़ में विश्वास नहीं करती, इसलिए चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया गया है। दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि इस फैसले का एक फायदा यह होगा कि अब दिल्ली में भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार होगी और वह अपने वादों को पूरा न करने के लिए कोई बहाना नहीं बना सकेगी।
इस निर्णय के साथ ही आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया कि वह दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कोई भागीदारी नहीं करेगी, और भाजपा को जीतने का पूरा अवसर प्रदान करेगी।