डेस्क:रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक बैंक पर बड़ा एक्शन लिया है और बैंक का लाइसेंस कैंसिल करने का ऐलान कर दिया है। आरबीआई का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। यह बैंक- अहमदाबाद स्थित ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ है। आरबीआई ने कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने कहा, “बैंक का जारी रहना भविष्य में डिपॉजिटर्स के के लिए हानिकारक होगा। अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने वर्तमान डिपॉजिटर्स को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।” ऐसे में बैंक ग्राहक परेशान हैं अब उनके जमा पैसे का क्या होगा।
ग्राहकों के पैसों का क्या होगा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने एक बयान में कहा कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है। अब नियम के हिसाब से प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से केवल 5 लाख रुपये तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
आरबीआई ने आगे कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 98.51 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 31 मार्च, 2024 तक, DICGC ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमित जमा राशि में से 13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
आरबीआई ने क्या कहा
लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कुछ आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है। आरबीआई ने यह भी कहा कि अगर बैंक को आगे भी अपना बैंकिंग कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लाइसेंस रद्द होने के बाद सहकारी बैंक बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को कारोबार बंद होने से बैंकिंग कारोबार बंद कर देगा। बैंकिंग कारोबार में अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है।