हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी। इस साल यह 28 जून मंगलवार को है। 28 जून को अमावस्या सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और 29 जून बुधवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। अमावस्या पर पितृों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण आदि किया जाता है।
इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन पितरों के नाम का भोजन कराने और कपड़े दान करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं। हो सके तो हर अमावस्या पर किसी गरीब या जरुरतमंद को भोजन देना चाहिए।इस दिन जहां एक तरफ विष्णु भगवान की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी तरफ भोले शंकर की पूजा करने का भी विधान हैं। इसलिए भोले शंकर की पूजा से कार्लसर्प के उपाय भी फलदायी होते हैं। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है।