• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
जयराम रमेश

आतंकी और सांसद—हाइफ़नेट या हाइ-ट्रेशन?

May 29, 2025
प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी पर चुनावी याचिका: केरल हाईकोर्ट ने समन जारी किया

June 11, 2025
सिंधु संधि

सिंधु संधि निलंबन के बाद जल परियोजनाओं पर भारत का फोकस

June 11, 2025
अल्कोहल

खजाना भरने के लिए महाराष्ट्र सरकार का नया दांव: शराब पर शुल्क बढ़ा

June 11, 2025
राकांपा में सियासी हलचल, जयंत पाटिल ने दिए इस्तीफे के संकेत

राकांपा में सियासी हलचल, जयंत पाटिल ने दिए इस्तीफे के संकेत

June 11, 2025
अजित पवार

एनडीए में शामिल होना विकास की राह: अजित पवार का स्पष्टीकरण

June 11, 2025
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट: सहमति से शादी पर आपत्ति नहीं

June 11, 2025
जनगणना

भारत 2025 में भी सबसे बड़ी आबादी वाला देश

June 11, 2025
शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला की उड़ान पर ब्रेक

June 11, 2025
गाजा हिंसा पर अल कायदा का ट्रंप-मस्क को निशाना

गाजा हिंसा पर अल कायदा का ट्रंप-मस्क को निशाना

June 11, 2025
पाकिस्तान में बकरीद पर अहमदियों को नमाज और कुर्बानी से रोका

पाकिस्तान में बकरीद पर अहमदियों को नमाज और कुर्बानी से रोका

June 11, 2025
अमेरिका की सख्ती के बीच जर्मनी ने भारतीय छात्रों के लिए खोले अवसरों के द्वार

अमेरिका की सख्ती के बीच जर्मनी ने भारतीय छात्रों के लिए खोले अवसरों के द्वार

June 11, 2025
प्रशांत किशोर

लालू पर पीके का तंज: शेर अगर शाकाहारी होने लगे!

June 11, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Wednesday, June 11, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home ओपिनियन

आतंकी और सांसद—हाइफ़नेट या हाइ-ट्रेशन?

आदित्य तिक्कू।।

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
May 29, 2025
in ओपिनियन
Reading Time: 1 min read
A A
0
जयराम रमेश

File Photo

देश की राजनीति में विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र की नींव है। लेकिन जब विपक्ष, सत्ता का विरोध करते-करते राष्ट्रहित के खिलाफ खड़ा दिखाई दे, जब आतंकियों और जनप्रतिनिधियों में अंतर मिटाने की कोशिश हो—तब सवाल सिर्फ राजनीतिक नहीं रह जाते, तब सवाल उठते हैं नीयत पर।

कांग्रेस के संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने हाल ही में जो कहा, वह न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि शर्मनाक भी। उन्होंने आतंकवादियों और सांसदों को एक ही पलड़े में रख दिया—“आतंकी भी इधर-उधर घूम रहे हैं, सांसद भी घूम रहे हैं।” यह कथन क्या है? गलती? ग़फ़लत? या एक सोची-समझी रणनीति कि कैसे हर राष्ट्रीय अभियान को विवादित बनाकर देश की सुरक्षा भावना को खोखला किया जाए?

यह संयोग नहीं—सिलसिला है

उड़ी हमले के बाद जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया—कांग्रेस ने उसे ‘नाटक’ कहा। पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक हुई—कांग्रेस ने सबूत मांगे। अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पूरा देश एकजुट है, कांग्रेस फिर वहीं खड़ी है—सवाल पूछती हुई, लेकिन सिर्फ सरकार से नहीं, सेना की नीयत और कार्रवाई पर भी।

उदित राज कहते हैं—शशि थरूर प्रधानमंत्री की ‘फर्जी सर्जिकल स्ट्राइक’ का महिमामंडन कर रहे हैं। सवाल है—क्या कांग्रेस को यह एहसास है कि वह सत्ता का विरोध करते-करते भारत की सेना को झूठा ठहरा रही है? क्या यह वही पार्टी है जिसने 1971 में पाकिस्तान को तोड़ दिया था? क्या अब वही पार्टी देश को तोड़ने वाली भाषा बोल रही है?

देश का विरोध, या मोदी का?

सवाल यह नहीं है कि कांग्रेस सरकार का विरोध कर रही है। सवाल यह है कि वह किस हद तक जा रही है। यदि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक को ‘फर्जी’ कह दिया जाए, तो कल को क्या युद्ध भी ‘फर्जी’ कहलाएगा? क्या अगर प्रधानमंत्री को राजनीतिक लाभ मिल रहा हो, तो सेना की कार्रवाई को भी झुठला दिया जाएगा?

क्या कांग्रेस अब भी “इंदिरा इज़ इंडिया, इंडिया इज़ इंदिरा” के जाल में फंसी है? क्या आज भी अगर पार्टी चुनाव हारती है, तो लोकतंत्र हार जाता है? क्या लोकतंत्र केवल तब तक सही है, जब तक कांग्रेस जीत रही हो?

ये हाइफ़नेट नहीं, हाई-ट्रेशन है

जय राम रमेश ने कहा—सांसद भी घूम रहे हैं, आतंकी भी घूम रहे हैं। और इसे ‘हाइफ़नेट’ कहा गया—एक ही रेखा से दोनों को जोड़ने की कोशिश। लेकिन यह कोई भाषायी चतुराई नहीं, यह राजनीतिक देशद्रोह की भाषा है। यह हाई-ट्रेशन है, हाइफ़नेट नहीं। क्या कांग्रेस नहीं समझती कि उसने अपने ही जनप्रतिनिधियों और देश की संसद को किस पायदान पर ला खड़ा किया है?

सलाह नहीं, चेतावनी

कांग्रेस अगर समझती है कि इस तरह वह भाजपा को घेर पाएगी, तो वह भूल में है। सरकार को हराने के लिए राष्ट्रीय स्वाभिमान को हराना एक खतरनाक प्रयोग है। और यह प्रयोग न कांग्रेस के लिए लाभकारी होगा, न भारत के लिए।

हम कांग्रेस को एक सलाह देना चाहते थे, लेकिन अब वक़्त चेतावनी का है:
सत्ता में लौटने के लिए भारत से मत टकराइए। भारत से टकराने वाले कभी लौटकर नहीं आते।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In