डेस्क:1 फरवरी को संसद पटल पर रखे गए आम बजट ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख तक की आय वाले लोगों को इनकम टैक्स से छूट देने का फैसला लिया। अभी तक यह छूट केवल 7 लाख की कमाई करने वाले लोगों तक सीमित थी। इस फैसले पर वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रतिमाह एक लाख रुपए कमाने वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना चाहती थी। इसीलिए हमने इनकम टैक्स की छूट को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपए तय किया है।
आम बजट के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार सभी इनकम लेवल वाले टैक्सपेयर्स को राहत देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 12 लाख तक की इनकम वालों को टैक्स से छूट देने के पीछ सबसे बड़ा कारण यह है कि सरकार का मानना है कि 1 लाख रुपये महीना कमाने वालों पर इनकम टैक्स नहीं लगना चाहिए। हमारी सरकार इस पर लगातार काम कर रही है।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य टैक्स पेयर्स द्वारा की गई बचत के पैसों को बचत या निवेश के माध्यम से वापस लाने पर है। हमने तय किया है कि कुछ लोगों को केवल स्लैब दर में कटौती के अलावा अतिरिक्त लाभ भी मिलना चाहिए। इस फैसले के बाद हमें उम्मीद है कि करदाताओं द्वारा बचाया गया पैसा उपभोग, बचत और निवेश के माध्यम से वापस अर्थव्यवस्था में आएगा।
वित्तमंत्री ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य करदाताओं को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने पर है। हम स्लैब दरों में कटौती के अलावा भी अन्य लाभ देने की योजना पर काम कर रहे हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि अगर आज की तुलना में आप 2014 की कांग्रेस सरकार के फैसलों को देखेंगे तो आपको कहानी खुद ही समझ आ जाएगी। हमारी सरकार का उद्देश्य लोगों के हाथ में पैसा देने की रही है। कांग्रेस सरकार के दौरान 8 लाख कमाने वाले को 1 लाख से अधिक टैक्स देना होता था। वहीं 12 लाख कमाने वाले को करीब 2 लाख रुपए टैक्स में देना होता था, जो कि अब शून्य है। इसका मतलब हुआ कि अब उनके पास 2 लाख रुपए की बचत है।
सीतारमण ने कहा कि सरकार सभी स्तरों पर दरों को कम कर रही है। इसका मतलब है कि 24 लाख कमाने वाले किसी व्यक्ति को 2014 में 5.6 लाख रुपये टैक्स के रूप में देना पड़ता था, अब उसे केवल 3 लाख रुपए टैक्स देना होगा। ऐसे उसके हाथ में भी 2.6 लाख रुपये बचेंगे।