डेस्क:हिंडनबर्ग के हमलों से उबर चुके अडानी ग्रुप पर एक और बड़ा आरोप लगा है। इस बार अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इस मामले में अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अफसर, और एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं। इस नए आरोप के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर बड़ा इंपैक्ट देखने को मिल सकता है।
आरोप के बाद अडानी ग्रुप ने रद्द किया बॉन्ड
ब्लूमबर्ग के मुताबिक इसके बाद अडानी ग्रुप की इकाइयों ने गुरुवार को 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया। एशियाई व्यापार में समूह के मौजूदा अमेरिकी मुद्रा नोटों में भारी गिरावट आई। कुछ घंटे पहले, अरबपति समूह की इकाइयों ने एक बॉन्ड पेशकश की कीमत तय की थी, जिसे बाद में निवेशकों को बताया गया कि वे इसे रद्द कर देंगे। सिंगापुर स्थित एसजीएमसी कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के फंड मैनेजर मोहित मीरपुरी ने कहा, “हालांकि अडानी ने हिंडनबर्ग सहित पिछले आरोपों को झेलने में लचीलापन दिखाया है, लेकिन यह घटनाक्रम उभरते बाजारों से जुड़े लगातार जोखिमों को शासन, पारदर्शिता और नियामक जांच के आसपास रेखांकित करता है।”
क्या हैं आरोप
SEC ने बुधवार को इन व्यक्तियों पर सिक्योरिटीज और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश रचने और सब्सटैंटिव सिक्योरिटीज धोखाधड़ी का आरोप लगाया। इन आरोपों का संबंध एक अरबों डॉलर की योजना से है। SEC ने आरोप लगाया कि यह रिश्वत देने की योजना अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर को भारत सरकार द्वारा दिए गए अरबों डॉलर के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का लाभ उठाने के लिए बनाई गई थी।
SEC की शिकायत में कहा गया कि ये लोग फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों के एंटी-फ्रॉड प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे। SEC के अनुसार इस योजना के दौरान अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर (करीब 1,450 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाए। एज़्योर पावर का शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा था।