अदरक और सोंठ दोनों लगभग एक ही चीज होती है। अदरक के सूखे फार्म को सोंठ बोलते हैं। लेकिन आयुर्वेद में दोनों को बिल्कुल अलग-अलग बीमारियों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इसलिए अगर आप अदरक की जगह सोंठ और सोंठ की जगह अदरक को बीमारियों में खा लेते हैं, तो जान लें दोनों शरीर के किन रोगों को खत्म करने के लिए होता है।
आयुर्वेद के एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर में जब कफ ज्यादा हो जाए तो ऐसे में अदरक का इस्तेमाल फायदा पहुंचाता है। अदरक में मौजूद तत्व कफ शरीर से खत्म करते हैं। इसलिए सर्दियों में अदरक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। जबकि अगर आप ज्यादा अदरक खाते हैं तो ये शरीर में वायु को बढ़ा सकती है, साथ ही डाइजेशन पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए अगर आपको सोंठ खाने की सलाह मिली है तो वहां अदरक को नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
सोंठ अदरक का सूखा हुआ रूप होता है जिसे शरीर में वायु यानी वात बढ़ने पर दिया जाता है। जिन लोगों को गठिया की दिक्कत होती है उन्हें सोंठ खाना चाहिए। वहीं प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को सोंठ दी जाती है। जिससे कि शरीर में वायु की वजह से किसी भी तरह की दिक्कत को कम किया जा सके। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में हो रहे दर्द के लिए सोंठ खाना फायदेमंद हो सकता है। सुबह उठकर सोंठ का पानी पीना डाइजेशन के लिए अच्छा होता है।