रामनवमी का पावन पर्व आज 30 मार्च 2023, गुरुवार को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस साल रामनवमी पर त्रेतायुग जैसे शुभ संयोग व नक्षत्र हैं। रामनवमी पर पूजन के गुरु पुष्य योग समेत नौ अति उत्तम योग बन रहे हैं। इन योगों को मांगलिक कार्यों, पूजा-पाठ के साथ खरीदारी के लिए भी शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। इस साल 2023 में भी ऐसा ही संयोग बना है।
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, करीब 700 साल बाद रामनवमी पर सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य, महालक्ष्मी, सिद्धि, केदार, गजकेसरी, रवियोग, सत्कीर्ति और हंस नामक राजयोग बने हैं।
रामनवमी पर बन रहे ये नौ शुभ योग-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:41 ए एम से 05:28 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 12:01 पी एम से 12:51 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:36 पी एम से 07:00 पी एम।
अमृत काल- 08:18 पी एम से 10:06 पी एम।
निशिता मुहूर्त- 12:02 ए एम, मार्च 31 से 12:48 ए एम, मार्च 31
गुरु पुष्य योग- 10:59 पी एम से 06:13 ए एम, मार्च 31
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग- 10:59 पी एम से 06:13 ए एम, मार्च 31
रवि योग- पूरे दिन
रामनवमी 2023 का पूजन मुहूर्त-
रामनवमी के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगा जो कि दोपहर 1 बजे तक रहेगा। इसके बाद पूजन का दूसरा मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा और दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
राम नवमी हवन विधि…
- राम नवमी के दिन प्रात: जल्दी उठ जाना चाहिए।
- स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए।
- किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
- हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।
- हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं।