नई दिल्ली:संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। इस बार चीन ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। इससे पहले वह हमेशा अड़ंगा लगाता था। अब इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके सैयद अकबरुद्दीन का बयान सामने आया है।
‘चीन भारत को विफल नहीं कर सकता’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि यह खबर विश्व स्तर पर बढ़ती समझ को दर्शाती है कि चीन भारत को विफल नहीं कर सकता। हमारे लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ भारत की न्याय की खोज पर चीन का गला घोंटना अब व्यर्थ है।
‘हमारी खोज जारी है’
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अभी कई और लोग हैं, जिन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना है। इनमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, शाहिद महमूद और तल्हा सईद शामिल हैं। यह पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ हमारे लोगों के लिए न्याय की हमारी तलाश है और खोज जारी है।
‘यह एक सफलता है’
अकबरुद्दीन ने कहा कि पहले हमें मसूद अजहर को नामित करने में एक दशक से अधिक समय लगा और अब अब्दुल रहमान मक्की को नामित करने में हमें 7 महीने लग गए। आप देख सकते हैं कि भारत अब किस तरह का दबाव बढ़ा रहा है और यह एक सफलता है।
भारत ने पिछले साल लाया था प्रस्ताव
बता दें, मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव भारत ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में लाया था, लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया था। इसी वजह से मक्की को उस समय वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका था।
16 जनवरी को मक्की को घोषित किया गया वैश्विक आतंकी
यूएन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 16 जनवरी 2023 को अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया। अब मक्की की दुनिया भर में बनाई गई संपत्ति को फ्रीज किया जा सकेगा। उसकी यात्रा पर भी प्रतिबंध रहेगा।
हाफिज सईद का बहनोई है मक्की
बता दें, मक्की 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है। लश्कर ए तैयबा की फंडिंग में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मक्की पर जम्मू-कश्मीर के युवाओं को गुमराह करने और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करने का भी आरोप है। यही नहीं, मुंबई बम धमाकों में भी उसकी भूमिका थी।