डेस्क:यूपी विधानसभा के उपचुनाव में सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी ही अपने प्रत्याशी उतारेगी। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी। सभी सीटों पर सपा प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार की देर शाम किया। अखिलेश ने इस ऐलान के साथ ही अपनी मंशा भी साफ कर दी है। अखिलेश ने कहा कि बात सीट की नहीं जीत की है। इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से समाजवादी पार्टी की शक्ति कई गुना बढ़ गयी है। इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी 9 विधानसभा सीटों पर ‘इंडिया गठबंधन’ का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प लेकर नयी ऊर्जा से भर गया है।
ये देश का संविधान, सौहार्द और PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। इसीलिए हमारी सबसे अपील है : एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बँटने पाए। देशहित में ‘इंडिया गठबंधन’ की सद्भाव भरी ये एकता और एकजुटता आज भी नया इतिहास लिखेगी और कल भी।
कांग्रेस से नहीं बनी बात?
भले ही अखिलेश यादव सभी नौ सीटों पर संयुक्त प्रत्याशी उतारने की बात कह रहे हैं लेकिन असलियत यही है कि नौ में से सात सीटों पर सपा के प्रत्याशी बहुत पहले ही घोषित किए जा चुके हैं। सपा ने कांग्रेस को केवल दो सीटें अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद दी थी। जबकि कांग्रेस पांच सीटें मांग रही थी। कांग्रेस का सबसे ज्यादा जोर मिर्जापुर की मझवां और प्रयागराज की फूलपुर सीट पर भी था। मंगलवार को इस तरह के भी संकेत मिले कि सपा फूलपुर सीट कांग्रेस को दे सकती है।
सपा के लचीले रुख के बाद कांग्रेस ने बुधवार को बैठक भी बुला ली थी। माना जा रहा था कि इसमें प्रत्याशी का चयन कर ऐलान कर दिया जाएगा। इसी बीच फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशी का नामांकन करा दिया गया। माना जा रहा है कि इस नामांकन के बाद ही कांग्रेस ने चुनाव से दूर रहने का फैसला कर लिया। फिलहाल कांग्रेस की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।