लखनऊ:महिला वोटरों की अहमियत को देखते हुए समाजवादी पार्टी का फोकस इस वर्ग पर है। एक ओर पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव में अब तक छह में तीन महिलाओं को प्रत्याशी बना कर संदेश देने की कोशिश की है, वहीं महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को मुद्दा बनाने में भी पीछे नहीं है। अखिलेश यादव उपचुनाव के लिए पूरी तरह इन वोटरों की पार्टी के पक्ष में गोलबंदी में जुट गए हैं।
महिला मतदातों का समर्थन हासिल करने के लिए खास रणनीति बनाई है। सपा ने सीसामऊ से नसीम सोलंकी को टिकट दिया है तो कटेहरी से शोभावती बिंद व मझंवा से डॉ. ज्योति बिंद को टिकट देकर महिलाओं में संदेश देने की कोशिश है। यह अलग है कि यह तीनों सपा के किसी बड़े नेताओं के परिवार से हैं। साथ में ही इनकी उम्मीदवारी पीड्रीए के फार्मूले पर भी फिट बैठती हैं। अभी चार सीटें पर प्रत्याशी आने बाकी हैं और इस पर कांग्रेस को कितनी सीट मिलेगी, अभी मंथन चल रहा है। संभव है कि सपा एक और महिला को प्रत्याशी बना सकती है। लोकसभा में सपा की पांच महिला सांसद डिंपल यादव, इकरा चौधरी, रुचिवीरा, कृष्णादेवी पटेल व प्रिया सरोज हैं।
महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर पार्टी मुखर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सोशल मीडिया के जरिए सरकार को घेरते हुए कटाक्ष करते रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि महिलाओं से जुड़े अपराधों से जुड़े सवालों को वह संसद में उठाएंगे। यूपी विधानसभा के आगामी सत्र में सपा इस तरह के मामले खास तौर पर उठाएगी। उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान इसी महीने होने वाला है। ऐसे में पार्टी ने इन्हें जीतने के लिए पीडीए के फार्मूले पर भरोसा तो जताया है पर साथ उसकी निगाह महिला वोटरों पर है। इसमें सभी वर्गों की महिलाएं शामिल हैं।