लखनऊ:केंद्र सरकार ने अमृत-दो में योगी सरकार के 63 शहरों का मास्टर प्लान बनाने की स्वीकृति दी है, लेकिन इनमें से 32 शहरों की आबादी मानक के अनरूप नहीं है। ये सभी शहर नगर पंचायत हैं। इसलिए इन शहरों की आबादी 50 हजार से ऊपर करने का सुझाव नगर विकास विभाग को दिया गया है। योगी सरकार इन शहरों की आबादी बढ़ाने के लिए सीमा विस्तार पर जल्द विचार कर सकता है।
केंद्र सरकार ने अमृत-एक में 59 शहरों का मास्टर प्लान बनाने का पैसा उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था। इन शहरों को 2031 का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। अमृत-दो में 63 शहरों का मास्टर प्लान बनाया जाना है। यह मास्टर प्लान 2041 के लिए बनाया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के चयनित 63 शहरों में से 31 शहरों को उत्तर प्रदेश निर्माण कार्य विनियमन अधिनियम और उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 के अधीन पाया गया है।
केंद्र सरकार ने अमृत-दो में योगी सरकार के 63 शहरों का मास्टर प्लान बनाने की स्वीकृति दी है, लेकिन इनमें से 32 शहरों की आबादी मानक के अनरूप नहीं है। ये सभी शहर नगर पंचायत हैं। इसलिए इन शहरों की आबादी 50 हजार से ऊपर करने का सुझाव नगर विकास विभाग को दिया गया है। योगी सरकार इन शहरों की आबादी बढ़ाने के लिए सीमा विस्तार पर जल्द विचार कर सकता है।
केंद्र सरकार ने अमृत-एक में 59 शहरों का मास्टर प्लान बनाने का पैसा उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था। इन शहरों को 2031 का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। अमृत-दो में 63 शहरों का मास्टर प्लान बनाया जाना है। यह मास्टर प्लान 2041 के लिए बनाया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के चयनित 63 शहरों में से 31 शहरों को उत्तर प्रदेश निर्माण कार्य विनियमन अधिनियम और उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 के अधीन पाया गया है।
इसके अलावा 32 शहर नगर विकास विभाग द्वारा अधिसूचनाओं के आधार पर बनाए गए हैं। नगर विकास विभाग द्वारा अधिसूचना के आधार पर आच्छादित शहरों की सीमा व क्षेत्रफल भावी मास्टर प्लान-2041 के अनुसार काफी कम है। इसलिए केंद्रीय दिशा-निर्देश के आधार पर इन शहरों की जनसंख्या को 50 हजार से अधिक करने की जरूरत है। आवास विभाग द्वारा नगर विकास विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है। नगर विकास विभाग अब यह सर्वे कराएगा कि किन शहरों में कितनी आबादी बढ़ाने की जरूरत है।
विस्तार में जनगणना का पेंच
देश में नई जनगणना शुरू होनी है। जनगणना के लिए पहले सीमा यानी चौहद्दी तय की जाती है। इसके आधार पर जनगणना शुरू की जाती है। इसलिए आवास विभाग द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर सीमा विस्तार का पेंच फंस सकता है। जनगणना में देरी होने पर नगर विकास विभाग सीमा विस्तार पर विचार कर सकता है।