वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्यूबा को आतंकवाद के प्रायोजक देशों की सूची से हटाने का निर्णय लिया है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की। यह फैसला एक ऐसे समझौते का हिस्सा है जिसमें क्यूबा ने प्रदर्शनकारियों को रिहा करने पर सहमति जताई है।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “आकलन पूरा हो चुका है, और हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो क्यूबा को आतंकवाद का प्रायोजक देश बनाए रखने का समर्थन करती हो।” यह कदम अमेरिका और क्यूबा के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
आतंकवाद प्रायोजक सूची का इतिहास
क्यूबा को पहली बार 1982 में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के प्रशासन के दौरान आतंकवाद के प्रायोजक देशों की सूची में शामिल किया गया था। इसका कारण क्यूबा द्वारा लैटिन अमेरिकी विद्रोही समूहों को समर्थन दिया जाना था।
2015 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने क्यूबा को इस सूची से हटा दिया था, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक अहम कदम था। लेकिन 2021 में, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने क्यूबा को फिर से इस सूची में शामिल कर दिया, यह आरोप लगाते हुए कि क्यूबा भगोड़ों को शरण देता है और कोलंबियाई गुरिल्ला समूहों का समर्थन करता है।
फैसले के प्रभाव
इस सूची से हटाए जाने के बाद क्यूबा पर लगाए गए कई प्रतिबंध हट सकते हैं। इसमें रक्षा निर्यात पर प्रतिबंध, आर्थिक सहायता पर रोक, और वित्तीय लेनदेन पर सीमाएं शामिल हैं।
इस कदम से अमेरिका और क्यूबा के बीच व्यापार और यात्रा के अवसर बढ़ सकते हैं। यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
प्रदर्शनकारियों की रिहाई पर समझौता
यह फैसला उस समझौते का हिस्सा है जिसमें क्यूबा ने जेल में बंद प्रदर्शनकारियों को रिहा करने पर सहमति दी है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितने प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाएगा और यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी।
2021 में क्यूबा में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे, जो आर्थिक संकट, जरूरी वस्तुओं की कमी और सरकारी प्रतिबंधों के खिलाफ थे। सरकार ने इन प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई की थी और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले पर अमेरिका में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आने की उम्मीद है। क्यूबा के साथ संबंध सुधारने के समर्थक, जिनमें कई डेमोक्रेटिक नेता शामिल हैं, इस कदम का स्वागत करेंगे।
वहीं, रिपब्लिकन नेता और फ्लोरिडा के क्यूबा-अमेरिकी समुदाय के लोग इसका विरोध कर सकते हैं। उनका मानना है कि इस कदम से एक ऐसे शासन को प्रोत्साहन मिलेगा जो अभी भी असंतोष को दबाता है और नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाता है।
सामंजस्य की ओर कदम
यह निर्णय बाइडन प्रशासन की क्यूबा के प्रति नीति में सुधार के प्रयासों का हिस्सा है। हालांकि, दोनों देशों के बीच पूर्ण रूप से सामान्य संबंधों की बहाली अभी दूर की बात है, लेकिन आतंकवाद प्रायोजक देशों की सूची से हटाने का यह कदम भविष्य के संवाद और सहयोग की नींव रख सकता है।
व्हाइट हाउस ने यह नहीं बताया है कि यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी, लेकिन अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय तथ्यों की गहन समीक्षा के आधार पर लिया गया है और यह अमेरिका के हितों के अनुरूप है।