डेस्क:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। शाह ने दो टूक कहा कि महाराष्ट्र ने शरद पवार और उद्धव ठाकरे को 2024 के चुनाव में उनकी जगह दिखा दी। पवार की विश्वासघात की राजनीति महाराष्ट्र में भाजपा की चुनावी जीत से समाप्त हो गई। महाराष्ट्र की जनता ने बता दिया है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ही बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना है और अजित पवार की एनसीपी ही सच्ची एनसीपी है।
शिरडी में राज्य बीजेपी सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पिछले साल के चुनावों में वंशवाद और विश्वासघात की राजनीति को खारिज करके एनसीपी (एसपी) प्रमुख पवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी है। 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा, एनसीपी और शिवसेना के महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे आगे रही। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 46 सीटों पर सिमट गई, जबकि एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को क्रमशः 10 और 20 सीटें मिलीं। शाह ने कहा, ”शरद पवार ने 1978 में महाराष्ट्र में ‘दगा-फटकार’ की राजनीति शुरू की, जिसे 2024 (चुनाव) में लोगों ने नकार दिया। इसी तरह, वंशवाद की राजनीति और उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को भी नकार दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा, ”लोगों ने 2024 के चुनावों में पवार और उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी। उन्होंने दोनों को घर भेज दिया और भाजपा के साथ असली शिवसेना और एनसीपी को विजयी बनाया।” अविभाजित एनसीपी और शिवसेना में हाल के वर्षों में तीखे मतभेद देखने को मिले। शाह ने कहा कि चुनावों ने महाराष्ट्र में 1978 में शुरू हुई अस्थिरता की राजनीति को भी समाप्त कर दिया। 1978 में, शरद पवार, जिन्होंने बाद में एनसीपी की स्थापना की, 40 विधायकों के साथ वसंतदादा पाटिल सरकार से बाहर हो गए और सीएम बन गए। शिवसेना (अविभाजित) और भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़े थे, लेकिन ठाकरे ने सीएम पद को लेकर गठबंधन तोड़ दिया। भाजपा ने इस कदम को लेकर बार-बार उनका मजाक उड़ाया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य में पार्टी की भारी जीत का असली सूत्रधार बताते हुए शाह ने कहा, “आप पंचायत से संसद तक पार्टी की जीत के सूत्रधार हैं। आपको भाजपा को अजेय बनाना है, ताकि कोई फिर से उसे धोखा देने की हिम्मत न कर सके।” उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने और महिलाओं तथा किसानों को बड़ी संख्या में शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। शाह ने कहा कि शरद पवार ने सीएम का पद संभाला, कई सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व किया और केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन वे किसानों की आत्महत्या को नहीं रोक सके। उन्होंने कहा, “केवल भाजपा ही यह (किसानों की आत्महत्या को रोकना) कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से कहा कि वे भाजपा सरकार को अपने सभी वादों को पूरा करते हुए देखें और यह सवाल न करें कि यह कैसे किया जाएगा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने सुनिश्चित किया कि 550 साल बाद राम लला को तंबू से मंदिर में ले जाया जाए। अनुच्छेद 370 (जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला) को निरस्त कर दिया गया है और आतंकवाद (घाटी में) समाप्त हो गया है।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की प्रगति के बिना भारत का विकास संभव नहीं है और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसे पूरा करेगी। महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के दीर्घकालिक परिणाम होने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि ऐतिहासिक जीत ने इंडिया समूह के आत्मविश्वास को तोड़ दिया है, जिसमें दो दर्जन से अधिक दल शामिल हैं।
दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस और सहयोगियों के बीच मतभेदों का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि ‘इंडी’ ब्लॉक का पतन शुरू हो गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा अगले महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत हासिल करेगी। महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) अकेले चुनाव लड़ रही है, आप और कांग्रेस दिल्ली चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिए हालात अच्छे नहीं हैं। 8 फरवरी को अपने पटाखे तैयार रखें क्योंकि भाजपा दिल्ली जीतेगी।