नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लोरेन्सो का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की निंदा करने और भारत के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “मैं अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लोरेन्सो और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत करती हूं। राष्ट्रपति लोरेन्सो की यह भारत की पहली राजकीय यात्रा है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि पिछले चार दशकों में यह हमारे बीच पहली उच्चस्तरीय यात्रा है, और यह ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना के चालीस वर्ष मना रहे हैं।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “मैं भारत सरकार और भारत की जनता की ओर से आपके प्रति आभार प्रकट करती हूं कि आपने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद दृढ़ समर्थन व्यक्त किया। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद और उसके प्रायोजकों के खिलाफ मिलकर निर्णायक कदम उठाने होंगे।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने अफ्रीकी महाद्वीप में शांति स्थापना में अंगोला की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “मध्य और पश्चिम अफ्रीका में जारी संघर्षों में मध्यस्थता के लिए आपकी भूमिका की हम सराहना करते हैं। भारत अफ्रीकी महाद्वीप में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने की आपकी प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है।”
इससे पहले, भारत की राजकीय यात्रा पर आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लोरेन्सो ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत की जनता के साथ एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “कश्मीर क्षेत्र में हुए दुखद घटनाक्रम के तुरंत बाद अंगोला ने तीव्र प्रतिक्रिया दी, जहां निर्दोष लोगों की जानें गईं। हमने समय रहते भारतीय अधिकारियों को भारतीय जनता और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। यह एक आतंकवादी कृत्य था और अंगोला किसी भी स्थान पर होने वाले आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करता है।”
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया गया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।