कनाडा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ चुका है, क्योंकि परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री अनिता आनंद, जो कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उत्तराधिकारी बनने के लिए प्रमुख उम्मीदवार मानी जा रही हैं। सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, और 24 मार्च तक नए नेता के चुनाव का समय तय किया। यदि अनिता आनंद को चुना जाता है, तो वह इतिहास रच सकती हैं, क्योंकि वह पहली महिला और भारतीय मूल की कनाडाई प्रधानमंत्री बन सकती हैं।
एक साधारण शुरुआत से सफलता तक
अनिता आनंद का जन्म 20 मई, 1967 को केंटविल, नोवा स्कोटिया में हुआ था। वह भारतीय अप्रवासी माता-पिता, डॉ. सरोज डी राम और डॉ. एसवी आनंद की बेटी हैं, जो 1960 के दशक में कनाडा आए थे। उनका बचपन छोटे शहर में बीता, और उनके प्रारंभिक जीवन ने उनके मूल्यों और पेशेवर नैतिकता को गहरे तरीके से प्रभावित किया।
18 साल की उम्र में, अनिता आनंद ने ओंटारियो में कदम रखा और राजनीतिक विज्ञान में अपनी पढ़ाई शुरू की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से न्यायशास्त्र में स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने डलहौज़ी विश्वविद्यालय और टोरंटो विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और मास्टर डिग्री पूरी की।
शैक्षिक और पेशेवर उपलब्धियाँ
राजनीति में आने से पहले, अनिता आनंद ने एक प्रभावशाली शैक्षिक करियर बनाया। उन्होंने येल लॉ स्कूल में शिक्षण कार्य किया और टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वह टोरंटो विश्वविद्यालय में JR किम्बर चेयर इन इन्वेस्टर प्रोटेक्शन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के पद पर भी रही। इसके अलावा, वह विश्वविद्यालय की सहायक डीन और रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट की नीति और अनुसंधान निदेशक भी रही।
एक शानदार राजनीतिक यात्रा
अनिता आनंद ने 2019 में ओकविल से संसद सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, उन्होंने जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
- सार्वजनिक सेवाओं और आपूर्ति मंत्री (2019-2021): अनिता आनंद ने COVID-19 महामारी के दौरान कनाडाई नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति, टीकों और रैपिड एंटीजन परीक्षणों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई।
- रक्षा मंत्री (2021-2023): रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों में यौन उत्पीड़न के मामलों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए और यूक्रेन को सैन्य सहायता देने का कार्य भी किया।
- खजाना बोर्ड के अध्यक्ष (2023-2024): उन्होंने कनाडा की वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाने की कोशिश की।
- परिवहन मंत्री (2024-वर्तमान): अनिता आनंद ने कनाडा में सड़क, राजमार्ग और रेलवे परिवहन के सुधार के लिए कई परियोजनाओं का संचालन किया और परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा सुधारों को लागू किया।
विविधता और समावेशन की समर्थक
अनिता आनंद लगातार समावेशन और लैंगिक समानता की पक्षधर रही हैं। उन्होंने LGBTQIA+ अधिकारों का समर्थन किया है और कनाडा में विविधता को बढ़ावा देने के लिए काम किया है। उनकी भारतीय विरासत कनाडा की बहुसांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गई है।
एक ऐतिहासिक अवसर
अगर अनिता आनंद को प्रधानमंत्री चुना जाता है, तो वह न केवल पहली भारतीय मूल की महिला प्रधानमंत्री बनेंगी, बल्कि कनाडा की पहली महिला और रंगीन नागरिक प्रधानमंत्री भी बन सकती हैं। 1993 में किम कैम्पबेल के प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक कोई अन्य महिला प्रधानमंत्री नहीं बनी है, और न ही लिबरल पार्टी से ऐसी कोई महिला प्रधानमंत्री बनी है।
कनाडा के लिए अनिता आनंद का दृष्टिकोण
अनिता आनंद का नेतृत्व सरकार सुधार, समावेशन और सतत विकास की दिशा में स्पष्ट रूप से दिखा है। विभिन्न मंत्रालयों में उनका अनुभव उन्हें एक सक्षम और दूरदर्शी नेता बनाता है, जो कनाडा को अगले दौर में नेतृत्व प्रदान कर सकती हैं।
आगे का रास्ता
अनिता आनंद को अन्य प्रमुख लिबरल पार्टी के नेताओं जैसे डॉमिनिक लेब्लांक, क्रिस्टिया फ्रीलैंड, मेलानी जोली, फ्रांकोइस-फिलिप शैम्पेन और मार्क कार्नी से प्रतिस्पर्धा मिल सकती है। जैसे-जैसे लिबरल पार्टी अपने नेतृत्व चुनाव की तैयारी कर रही है, अनिता आनंद पर ध्यान केंद्रित रहेगा, और यह देखा जाएगा कि वह कनाडा के राजनीतिक और सांस्कृतिक भविष्य को कैसे आकार देती हैं।
24 मार्च कनाडा और लिबरल पार्टी के लिए एक निर्णायक क्षण साबित होगा। अनिता आनंद के नेतृत्व में कनाडा को नया इतिहास बनाने का मौका मिल सकता है।