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अंतरराष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस

डॉ. वत्स विक्रम आदित्य वर्मा

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
April 22, 2022
in जीवंत
Reading Time: 1 min read
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अंतरराष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस

अंतरराष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस की जानकारी और इतिहास

पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय को दर्शाने के लिये साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये 22 अप्रैल को पूरे विश्व भर के लोगों के द्वारा एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में हर साल विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को मनाया जाता है। पहली बार, इसे 1970 में मनाया गया और उसके बाद से लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने की शुरुआत इसके मुद्दे को सुलझाने के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा का बेहतर ध्यान देने के लिये, राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिये के लिये की गयी। 1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक शांति कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था।

बेहतर भविष्य के लिये अपने पर्यावरणीय मसले को सुलझाने के लिये इन्होंने लोगों को इस कार्यक्रम में एक-साथ होकर जुड़ने के लिये संपर्क किया था। विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के पहले समारोह के दौरान लाखों लोगों ने इसमें अपनी इच्छा जताई और इस कार्यक्रम का लक्ष्य समझने के लिये भाग लिया।

विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के लिये कोई एक तारीख निर्धारित करने के बजाय, इसको दोनों दिन मनाने की शुरुआत हुयी। आमतौर पर, पूरे विश्वभर में जरुरी क्षेत्रों में नये पौधे को लगाने के आम कार्य के साथ अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस कार्यक्रम को मनाने की शुरुआत हुयी।

22 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस उत्सव की तारीख की स्थापना करने के अच्छे कार्य में भागीदारी के लिये अमेरिका के विस्कॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को स्वतंत्रता पुरस्कार के राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया। बाद में लगभग 141 राष्ट्रों के बीच वर्ष 1990 में डेनिस हेज़ (वास्तविक राष्ट्रीय संयोजक) के द्वारा वैश्विक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के रुप में 22 अप्रैल को केन्द्रित किया था। बहुत सारे पर्यावरणी मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिये भूमि सप्ताह के नाम से पूरे सप्ताह भर के लिये ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस समुदाय ने इसे मनाया। इस तरीके से 22 अप्रैल 1970 को आधुनिक पर्यावरणीय आंदोलन के वर्षगाँठ के रुप में चिन्हित किया गया।

लोगों के समक्ष पर्यावरणीय मुद्दे को रखने के साथ ही युद्ध-विरोधी आंदोलन को नियंत्रित करना, दूसरे जीव-जन्तु, स्व-बोध के लिये लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 1970 की स्थापना की गयी थी। 1969 में कैलिफोर्निया के सेंट बारबरा में संस्थापक गेलॉर्ड नेल्सन (विस्कॉन्सिन से एक यू.एस सीनेटर) के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस उत्सव के कार्यक्रम के स्थापना के पीछे एक बड़ी त्रासदी, भारी तेल गिराव की त्रासदी थी। इस त्रासदी ने हवा, पानी और मिट्टी के प्रदूषण के लिए जन चेतना बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उपायों को लागू करने की दिशा में गेलॉर्ड नेल्सन को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के रुप में क्यों 22 अप्रैल को ही मनाया जाता है?

हमारी भूमि एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये भूमि की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। इस भीड़ में, भगवान द्वारा बनायी गयी सबसे बुद्धिमान कृति इंसान हैं, अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना भूल गया है। धरती जिसने इसको जीवन दिया, आज वो उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक इस्तेमाल कर रहा है। अपने ग्रह के महत्व के बारे में मानव जाति को जागरुक करने के लिय अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के रुप में 22 अप्रैल को चिन्हित किया गया है।

धरती पर लोगों के रहन-सहन के लापरवाह नजरिये के साथ ही औद्योगिकीकरण की दिनों-दिन बढती दर के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये विस्कॉन्सिन से यूएसए सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इस दिन की नींव रखी। उनके द्वारा यह कदम अपने ग्रह की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिये लिया गया। हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि क्रूर लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और शताब्दियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।

इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण ओजोन परत में क्षरण है जो हमें सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो भूमणडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा।

जो धरती पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना। यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं अगर इसे पूरे विश्वभर के द्वारा एक साथ अनुसरण किया जाये।

आज के दिनों में, सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है जो कि हमारे लिये एक बहुत ही शर्मनाक स्थिति है क्योंकि इन वस्तुओं का निष्पादन नहीं किया जा सकता है। एक बड़ी चिंता के रुप में पर्यावरण आंदोलन को चिन्हित करने के लिये 22 अप्रैल 1970 को यूएस में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस का पहला उत्सव मनाया गया।

अमेरिका के कॉलेज परिसरों से छात्र समूह जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा पर्यावरण ह्रास का विरोध करने के लिए भाग लिया था। दूसरे समूह ने तेल गिरावट, जहरीले सामानों का निष्पादन, औद्योगिकीकरण के कारण वायु और जल प्रदूषण, कच्चा मैला, कीटनाशकों के इस्तेमाल और उत्पादन इत्यादि के लिये भी विरोध किया था। तब से 22 अप्रैल को आधिकारिक रुप से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के रुप में मनाना जारी है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस कैसे मनाया जाता है?

अपनी धरती के प्राकृतिक संपत्ति को बचाने के लिये 22 अप्रैल 1970 से ही बहुत उत्साह और दिलचस्पी के साथ अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को पूरी दुनिया के लोग मनाते हैं। 20 मिलियन से ज्यादा अमेरिकन इस कार्यक्रम को मनाने के लिये भाग लेते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरणीय मुद्दों, औद्योगिकीकरण, वन कटाई आदि पर आधारित भूमिका प्रदर्शित करने के लिये सड़कें, पार्क और ऑडिटोरियम को व्यस्त रखतें हैं। भूमि से जुड़े बढ़ते पर्यावरणीय ह्रास के मुद्दों के विरोध में हजारों कॉलेज, विश्वविद्यालयों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों से विद्यार्थी सक्रियता से भाग लेते हैं जैसे दिनों-दिन पर्यावरणीय ह्रास, वायु और जल प्रदूषण, ओजोन परत में कमी आना, औद्योगिकीकरण, वन-कटाई आदि से तेलों का फैल जाना, प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी को तैयार करना, पावर प्लॉन्ट, कीटनाशक का उत्पादन और इस्तेमाल आदि से बचाना। विभिन्न कानूनी नियमों को लागू करने के द्वारा भूमि की सुरक्षा की ओर बहुत से देशों की सरकारों के द्वारा कई कदम उठाये गये। अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को मनाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम और अभियानों का आयोजन पर्यावरण संबंधी नेताओं का एक समूह करता है। विभिन्न प्रकार के लाभप्रद उपायों को लागू करने के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों का समाधन करने के लिये 141 देशों से बड़ी संख्या में लोग एक-साथ होते हैं। नयी पीड़ियों के स्वागत के लिये एक स्वच्छ और स्वस्थ विश्व बनाने के लिये स्वच्छ पर्यावरण के विषय-वस्तु के प्रदर्शन में लोग भाग लेते हैं।

धरती के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिये तथा लोगों को प्रेरणा देने के लिये विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को मनाने का लक्ष्य है।

इस दिन लोग धरती की सुरक्षा से संबंधित बाहरी गतिविधियों में शामिल होते हैं जैसे नये पेड़-पौधों को लगाना, पौधा रोपण, सड़क के किनारे का कचरा उठाना, गंदगियों का पुर्नचक्रण करना, ऊर्जा संरक्षण आदि। दिनों-दिन बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और दूसरे पर्यावरणीय तबाही से बचाने के लिये कुछ लोग सरकार से त्वरित कार्यवाही करने के लिये आग्रह करते हैं। लोगों को जागरुक करने के लिये वास्तविक पर्यावरणीय मुद्दों के साथ निपटने के लिये इस दिन सभी टीवी चैनल इससे संबंधित कार्यक्रम दिखाते हैं।

सरकार के द्वारा इसको आधिकारिक रुप से सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है। सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस दिन खुले रहते हैं। अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन के द्वारा पहली बार 22 अप्रैल 1970 में अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस की स्थापना की गयी।

पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने और ग्रह पर जीवन के सम्मान के साथ ही वायु, जल और भूमि प्रदूषण की बढ़ती समस्या के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये इसका आयोजन किया गया है।

लोग जो इस कार्यक्रम को मनाने में भाग लेते हैं, जानवरों और पौधे के जीवन को इंगित करने के लिये हरे और नीले रंग का इस्तेमाल भूमि ग्रह को बनाने में करते हैं और ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग को शामिल किये हुए अपने प्राकृतिक पुनर्चक्रण का प्रतीक होता है। अमेरिका में कुछ स्थानों पर जागरुक बनाने के लिये फूल, पौधे या कीड़े लगे कपड़ों में सजे हुए एक परेड में भाग लेने के द्वारा लोग अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस मनाते हैं कि देखो पूरा पर्यावरण हमारा वास्तविक घर है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस को मनाने के कई तरीके हैं:

  • जरुरी स्थानों पर नये पौधा-रोपण करें।
  • अपने परिवार के साथ कुछ बाहरी गतिविधियों में शामिल हों जैसे पेड़ पर पक्षी के लिये घोंसला बनाना और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के बारे में चर्चा करना।
  • भूमि और जल प्रदूषण को टालने के लिये प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।
  • पुराने सामानों का पुनर्चक्रण और दुबारा प्रयोग करने के बारे में अपने बच्चों को सिखाना।
  • सड़क, पार्क और दूसरी जगहों से गंदगी हटाने में भाग लेना।
  • मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेना जैसे गीत गायन जो पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित हो और इस उत्सव में शामिल होने के लिये अधिक से अधिक व्यक्तियों को आकर्षित करें।
  • शैक्षणिक सत्रों में भाग लें जैसे सेमिनार, परिचर्चा और दूसरे प्रतियोगी क्रियाकलाप जो धरती के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा से संबंधित हों।
  • पर्यावरणीय रंगों को दिखाने के लिये हरे, भूरे या नीले रंग के कपड़े पहनने के द्वारा लोगों को प्रोत्साहित करें।
  • विभिन्न व्यवहारिक संसाधनों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिये लोगों को बढ़ावा दें।
  • लोगों को शिक्षा दें कि हर दिन अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस है, इसलिये हर दिन उन्हें धरती का ध्यान रखना चाहिये।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस उत्सव का महत्व

आम लोगों खासतौर से युवाओं के बीच पर्यावरणीय सुरक्षा के अभियान का पूरा प्रभाव प्राप्त करने के लिये तथा हर वर्ग और समूह के लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये इस दिन को (22 अप्रैल) गेलार्ड नेल्सन, अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के संस्थापक ने चुना था। दिमाग में कुछ बातों को रखने के द्वारा उन्होंने इस दिन को चुना कि विद्यार्थियों के लिये परीक्षा का कोई खलल नहीं होगा या आम लोगों के लिये कोई मेला या त्योंहार नहीं होगा, इसलिये हर कोई अपना पूरा ध्यान इस उत्सव पर दे सकता है। ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि 22 अप्रैल 1970 को व्लादिमिर लेनिन का 100 जन्मदिवस था।

अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस का विषय (थीम)

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2021 की थीम – “हमारी भूमि को पुनर्स्थापित करें“ (Restore Our Earth)

वर्ष 2020 में विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस का थीम “जलवायु कार्रवाई (क्लाइमेट एक्शन)” था।

वर्ष 2019 में विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस का थीम “अपनी प्रजातियों की रक्षा करें (प्रोटेक्ट आवर स्पीशीज)” था।

वर्ष 2018 में विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के लिए थीम “प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” था।

वर्ष 2017 में विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के लिए थीम “पर्यावरण और जलवायु साक्षरता” था।

वर्ष 2016 में विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के लिए थीम “धरती के लिए पेड़” था।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2015 का विषय था “जल अद्भुत विश्व”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2014 का विषय था “हरे शहर”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2013 का विषय था “जलवायु परिवर्तन का चेहरा”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2012 का विषय था “धरती को संगठित करना”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2011 का विषय था “वायु को साफ करें”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2010 का विषय था “कम करो”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2009 का विषय था “कैसे आप आस-पास रहते हैं”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2008 का विषय था “कृपया पेड़ लगायें”।

विश्व अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस 2007 का विषय था “धरती के प्रति दयालु बने-संसाधनों को बचाने से शुरुआत करें”।

22 अप्रैल,2022 को अंतर्राष्ट्रीय मातृ भूमि दिवस के 52 वर्ष पूरे होने वाले है । इस वर्ष 2022 की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट’ (Invest in our planet) है, जो हमें हरित समृद्धि से समृद्ध जीवन बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है. यह थीम संदेश देती है कि हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों, हमारी आजीविका और हमारी धरती को एक साथ संरक्षित करने का समय आ गया है।

एक राष्ट्र जो अपनी मिट्टी को नष्ट करता है, वह स्वयं नष्ट हो जाता है। वन हमारी भूमि के फेफड़े हैं जो हवा को शुद्ध करते हैं और हमें नई ताकत देते हैं। इस मातृ भूमि से प्यार करो, जैसे तुम खुद से प्यार करते हो। इस खूबसूरत, नीले-हरे, जीवित पृथ्वी (मातृ भूमि) पर रहने के विशेषाधिकार के लिए, किराया दें – पेड़ लगाओ, शुद्ध हवा पाओ, इस धरती को स्वर्ग बनाओ।

यह मत भूलो कि आपको यह धरती अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है और इसे अपने बच्चों को देना है। इसकी अच्छी देखभाल करने का श्रेय आपके कंधों पर है।

पृथ्वी हमारे लिए भगवान का सबसे अच्छा उपहार है, हमने इसे बदतर बना दिया। चलो इसकी देखभाल करते हैं, हरे रंग को बचाते हैं, ग्लोबल वार्मिंग से लड़ते हैं।

पृथ्वी मनुष्य की नहीं है। मनुष्य पृथ्वी का है। पृथ्वी हम सबका घर है, इसकी सुरक्षा हम सब पर निर्भर है।

 

Tags: International Mother Earth Day

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