जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में भाजपा सरकार के आने पर उनकी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को बंद किए जाने का आरोप दोहराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एक टिप्पणी पर चुटकी ली। गहलोत ने कहा, ”हम उनकी योजनाएं बंद नहीं करते, लेकिन वे (राजे) हमारी (सरकार की) योजनाएं बंद कर देती हैं यही फर्क है दूध व नींबू में।”
गहलोत ने बीकानेर के पास जसरासर में पत्रकारों से बातचीत में यह चुटकी ली। दरअसल, राज्य में कांग्रेस सरकार दुबारा बनने की संभावनाओं संबंधी एक सवाल पर गहलोत ने कहा, ”इस बार सरकार (दुबारा) लानी है, हम लोगों को जनहित में। जनहित तभी होगा जब इस सरकार की योजनाएं जारी रहे।”
उन्होंने कहा, ”40,000 करोड़ रुपए की (बाड़मेर) रिफाइनरी की लागत अगर पांच साल की लापरवाही से 70,000 करोड़ रुपए हो जाए तो इससे बड़ा नुकसान और क्या होगा।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ”हम भाजपा सरकारों की कोई योजना बंद नहीं करते। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) योजना तो वसुंधरा (राजे) जी की थी।उसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। यही फर्क है वसुंधरा जी और हम लोगों के अंदर। नींबू और दूध में यही फर्क है। नींबू और दूध में यही फर्क है कि हमने तो (उनकी) योजना ईआरसीपी को चालू रखा है और हमारी योजना को उन्होंने बंद कर दिया, यही फर्क है।”
बता दें कि राजे ने कुछ दिन पहले सूरतगढ़ में बिना किसी का नाम लिए हुए कहा था, ”कई लोग षड्यंत्र पूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं रहे हैं कि वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत हैं।” राजे ने कहा कहा, ”जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे हर दिन अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हों, उनसे मिलीभगत कैसे सम्भव है। क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते है।”